Labour Day-मां ने बनाया बेटियों को इंजीनियर, बीडिय़ां बांधकर बदला सपनों को हकीकत में

Labour Day-मां ने बनाया बेटियों को इंजीनियर, बीडिय़ां बांधकर बदला सपनों को हकीकत मेंअजमेर: आर्थिक तंगी एवं परेशानियों में कई लोग उम्मीदें छोड़ देते हैं। नौकरी के अभाव में माता-पिता अपनी संतान को शिक्षा दिलाने की बजाय छोट-मोटे काम-धंधे की ओर धकेल देते हैं। लेकिन इसके उलट एक मां का मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करने के साथ अपनी संतानों को उच्च शिक्षा दिलाना संघर्ष की मिसाल है। 

अनूठे जीवट की धनी यह महिला घर में ही कच्चा माल मंगवा बीड़ी बनाकर न केवल आजीविका चला रही हैं बल्कि अपनी तीन बेटियों को उच्च तकनीकी शिक्षा दिलाने में कामयाब हुई है।

श्रीनगर रोड पाल बीसला क्षेत्र निवासी महिला ललिता ने बताया कि वह घर पर ही कच्चा माल मंगवाकर दिनभर बीडिय़ां बनाती है। 

परिवार में पति भी मजदूरी का ही काम करता है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर बेटियों ने भी बीड़ी बनाने में मदद की। बीड़ी बनाने के काम में पैसा भी कम मिलता है, और बीमारी की चपेट में आने की भी आशंका रहती है। 

इसीलिए ललिता ने ठान लिया कि उसकी बेटियां भी उसकी तरह मजदूरी करने पर मजबूर न हो इसके लिए वह उनको उच्च शिक्षा दिलवाएगी।

तीनों बेटियां बीटेक में संवारेंगी भविष्य

ललिता की संतानों में तीन बेटियां व दो बेटे हैं सभी पढ़ाई कर रहे हैं। दो बड़ी बेटियां बी. टेक (बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) कर चुकी हैं और छोटी बेटी अजमेर में ही बी. टेक कर रही हैं। तीनों तकनीकी शिक्षा में अपना कॅरियर बनाने के लिए तैयारी कर रही हैं।

अन्य रोजगार उपलब्ध होने चाहिए

बी.टेक कर रही ललिता की बेटी पूजा ने बीड़ी बनाने के काम को नुकसानदेय बताया है। उसका कहना है कि घरेलू महिलाओं के लिए अन्य रोजगार के साधन उपलब्ध होने चाहिए ताकि उनके जैसी अन्य बेटियों को स्वास्थ्य लाभ के साथ अच्छी शिक्षा मिल सके। 

पूजा सरकारी नौकरी के लिए अपनी बहन के साथ प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। ललिता ने बताया कि उन्हें बीड़ी श्रमिक के रूप में मिलने वाली छात्रवृत्ति भी मिल रही हैं लेकिन वह बहुत कम है, इसे बढ़ाया जाना चाहिए।

Bureau Report

 

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