प्रसव पीड़ा में भी पैदल चली गर्भवती, बीच रास्ते में हुआ प्रसव तो झोले में नवजात और मां को लेकर पहुंचे परिजन

प्रसव पीड़ा में भी पैदल चली गर्भवती, बीच रास्ते में हुआ प्रसव तो झोले में नवजात और मां को लेकर पहुंचे परिजनकोटड़ा: आदिवासी बहुल कोटड़ा तहसील के दूर दराज के क्षेत्र में आज भी 108 व 104 एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंचने से प्रसूताओं की जान पर बन आती है और वे समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती है।

इसकी बानगी रविवार को दिखी। सामोली ग्राम पंचायत के खूणा गांव निवासी रांपली (23) पत्नी उजिया लउर को दोपहर में काफी तेज प्रसव पीड़ा महसूस हूई। इस पर परिजनों ने 108 पर कॉल कर एम्बुलेंस को बुलवा लिया।

परंतु मुख्य सड़क से घर काफी दूर होने से रांपली को पहले तो आधे घंटे पैदल सफर करना पड़ा परंतु सड़क तक पहुंचने से पूर्व ही पीड़ा बढ़ जाने से रास्ते में ही प्रसव हो गया। 

रांपली ने पुत्र को जन्म दिया। उसके पश्चात रांपली के परिजन उसे झोले में डालकर मुख्य सड़क तक पहुंचे। उसके बाद एम्बुलेंस से माण्डवा पीएचसी पहुंचाया गया। चिकित्सकों के मुताबिक जच्चा-बच्चा स्वस्थ है।

Bureau Report

 

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