फ्रेंच ओपन रोहन बोपन्न ने रचा इतिहास, ग्रैंड स्लेम जीतने वाले चौथे भारतीय बने

फ्रेंच ओपन रोहन बोपन्न ने रचा इतिहास, ग्रैंड स्लेम जीतने वाले चौथे भारतीय बनेपेरिस: भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने ग्रैंड स्लेम जीतने का अपना सपना आखिर पूरा कर लिया है। बोपन्ना ने गुरूवार को वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लेम फ्रेंच ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीत लिया। बोपन्ना और कनाडा की गैबरिएला डाबरोवस्की की 7वीं सीड जोड़ी ने जर्मनी की एना लीना ग्रोएनफील्ड और कोलंबिया के रॉबर्ट फराह की जोड़ी को एक घंटे छह मिनट के कड़े संघर्ष में 2-6 6-2 12-10 से पराजित कर खिताब अपने नाम कर लिया। 

37 वर्षीय बोपन्ना का यह पहला ग्रैंड स्लेम खिताब है। वह वर्ष 2010 में यूएस ओपन के पुरूष युगल के फाइनलिस्ट रहे थे। उसके सात साल बाद जाकर बोपन्ना किसी ग्रैंड स्लेम के फाइनल में पहुंचे और इस बार उन्होंने खिताब को अपने हाथ से फिसलने नहीं दिया। 

बोपन्ना इस साल के शुरू में ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित युगल के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे थे और फ्रेंच ओपन में उन्होंने खिताब जीत लिया। बोपन्ना और डाबरोवस्की की जोड़ी ने पहला सेट बेहद आसानी से 2-6 से गंवा दिया। लेकिन दूसरे सेट में उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 6-2 से जीत हासिल की। मैच अब सुपरटाईब्रेक में चला गया। 

सुपरटाईब्रेक में बोपन्ना-डाबरोवस्की ने 12-10 से जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया। दोनों जोडिय़ों ने तीन-तीन बार एक दूसरे की सर्विस तोड़ी। बोपन्ना-डाबरोवस्की ने तीन एस लगाने के अलावा तीन विनर्स भी लगाए। 

विपक्षी जोड़ी ने चार डबल फाल्ट किए और चार बेजां भूलें की। बोपन्ना अपने करियर में पुरूष युगल में चार बार ऑस्ट्रेलियन ओपन के तीसरे दौर में, दो बार फ्रेंच ओपन के क्वार्टरफाइनल में, दो बार विंबलडन के सेमीफाइनल में और एक बार यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। 

उन्होंने मिश्रित युगल में चार बार ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टरफाइनल और एक एक बार विंबलडन तथा यूएस ओपन के क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई। भारतीय खिलाड़ी पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुंचे और 37 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला ग्रैंड स्लेम खिताब जीत लिया। बोपन्ना के करियर का यह 17वां युगल खिताब है।

 खिताब जीतने वाले चौथे भारतीय बने बोपन्ना

बोपन्ना इस तरह कोई ग्रैंड स्लेम खिताब जीतने वाले चौथे भारतीय बन गए। इससे पहले यह उपलब्धि लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा के नाम थी। बोपन्ना के पास सात साल पहले यूएस ओपन के फाइनल में अपना पहला ग्रैंड स्लेम खिताब जीतने का मौका था लेकिन उनकी और पाकिस्तान के ऐसाम उल हक कुरैशी की जोड़ी को अमेरिका की महान जोड़ी बॉब और माइक ब्रायन से फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। 

खेल मंत्री और सानिया ने दी बधाई

भारत की महिला स्टार सानिया ने बोपन्ना की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देते हुए ट्विटर  पर कहा कि लंबे समय का इंतजार आखिर पूरा हुआ। आप दोनों को फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने के लिये हार्दिक बधाई। बोपन्ना और डाबरोवस्की की जोड़ी ने दूसरी वरीय सानिया और क्रोएशिया के इवान डोडिग की जोड़ी को क्वार्टरफाइनल में हराकर बाहर किया था। 

भारतीय खेल मंत्री विजय गोयल ने बोपन्ना के खिताब जीतते ही ट्विटर पर अपनी बधाई प्रेषित की जिसपर बोपन्ना ने उन्हें शुक्रिया किया है। बेंगलुरू एफसी फुटबाल क्लब और ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने भी बोपन्ना को बधाई दी है।

Bureau Report

 

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