दर्द क्यों सहे बीमार बेटा: सुषमा से बोली पाकिस्तानी मां; कुछ घंटे में ही मिला वीजा

दर्द क्यों सहे बीमार बेटा: सुषमा से बोली पाकिस्तानी मां; कुछ घंटे में ही मिला वीजानईदिल्ली: इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमीशन ने एक बीमार पाकिस्तानी बच्चे को मेडिकल वीजा दिया है। सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर नवजात की मां को इसका भरोसा दिलाया था। दिल की बीमारी से पीड़ित पाकिस्तानी बच्चे रोहान की मां ने सोमवार तड़के सुषमा को एक ट्वीट किया था। इसमें लिखा था, “मेरा बेटे को इलाज की जरूरत है, वह दर्द क्यों सहे? आपसे तुरंत मेडिकल वीजा जारी करने की अपील करती हूं।”
 
सुषमा ने मां को क्या दिया जवाब…
फॉरेन मिनिस्टर सुषमा ने मंगलवार को बच्चे रोहान की मां मेहविश मुख्तार को टैग करते हुए उसके ट्वीट का जवाब दिया था। सुषमा ने लिखा था, “हम बच्चे को भारत में इलाज के लिए मेडिकल वीजा देंगे।” सुषमा के इस ट्वीट के कुछ घंटों बाद ही इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमीशन ने ट्विटर पर वीजा जारी किए जाने की जानकारी दी।
 
बीमार बेटे को बॉर्डर नहीं पता- मां
मां मेहविश मुख्तार ने सुषमा को एक और ट्वीट कर इलाज में बॉर्डर रोड़ा नहीं बनने की बात भी कही थी। मेहविश ने लिखा था, “मानवता में सीमाएं (बॉर्डर्स) क्यों हैं? मेरे बच्चे को बॉर्डर के बारे में नहीं मालुम।”
 
हाई कमीशन ने कहा- रोहान, ऑल द बेस्ट
इंडियन हाई कमीशन की तरफ से मंगलवार को जारी ट्वीट में कहा गया, “डियर रोहान, आपका वीजा जारी कर दिया गया है और आज ही लाहौर भेजा गया है। ऑल द
वेरी बेस्ट।”
 
15 अगस्त पर सुषमा ने किया था एलान
सुषमा ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर पाकिस्तान के जरूरतमंदों को बड़ा तोहफा दिया था। उन्होंने एलान किया था, “स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर भारत में इलाज के लिए वीजा मांगने वाले पाकिस्तानियों के जो भी वास्तविक मामले लंबित पड़े हैं, हम उन सभी को मेडिकल वीजा मुहैया कराएंगे।”
 
कैंसर पीड़ित PAK महिला को दिया था वीजा
इससे पहले, सुषमाने कैंसर से पीड़ित फैजा तनवीर नाम की पाकिस्तानी महिला को मानवीयता के आधार पर मेडिकल वीजा दिया था। फैजा ने भारत में इलाज के लिए ट्विटर पर सुषमा से मदद मांगी थी। फैजा ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) का हवाला देते हुए मदद करने की अपील थी।फैजा ने लिखा था, “सुषमा स्वराज मैम आप मेरे लिए मां ही हैं, प्लीज मैम मुझे मेडिकल वीजा दे दें, इस 70वीं आजादी के साल की खुशी में मेरी मदद कर दें धन्यवाद।”
ढाई साल के बच्चे को भी दिया था मेडिकल वीजा
पाकिस्तान के एक शख्स ने @KenSid2 हैंडल से 24 मई को एक ट्वीट किया था। इस शख्स ने ट्वीट में सुषमा और नवाज शरीफ के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज को टैग करते हुए लिखा था- मेरा बच्चा मेडिकल ट्रीटमेंट से मोहताज क्यों रहे? क्या सर अजीज और मैडम सुषमा इसका जवाब देंगे? 7 दिन बाद सुषमा ने इस शख्स को ट्विटर के जरिए ही जवाब दिया। कहा- भारत आपकी फैमिली को मेडिकल वीजा जरूर देगा। बच्चे को दिक्कत नहीं होगी। आप इंडियन हाईकमीशन से कॉन्टेक्ट करें। उसने ऐसा ही किया और 2 जून को उसे वीजा मिल गया।
मेडिकल वीजा के लिए भारत पर डिपेंड पाकिस्तानी
पहले साउथ एशियाई देशों के ज्यादातर पेशेंट्स मेडिकल वीजा के लिए सिंगापुर या थाईलैंड का रुख करते थे, लेकिन बीते कुछ साल से भारत में मेडिकल फैसिलिटीज में जबर्दस्त सुधार हुआ। अब एशियाई देशों के ज्यादातर पेशेंट्स इलाज के लिए भारत को तवज्जो देते हैं।दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में हर महीने करीब 500 पाकिस्तानी पेशेंट्स इलाज के लिए आते हैं। इनमें लिवर ट्रांसप्लांट के पेशेंट भी होते हैं। अपोलो में इस पर करीब 30 लाख रुपए खर्च होता है जबकि यूरोप या बाकी देशों में खर्च छह से सात गुना ज्यादा होता है। दूसरी बात, भाषा की भी ज्यादा दिक्कत नहीं आती। दो साल पहले भी जब सरहद पर हालात खराब थे, भारत ने बस्मा नाम की पाकिस्तानी बच्ची को इमरजेंसी मेडिकल वीजा दिया था।
 
Bureau Report
 

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