खाड़ी संकट दूर होने की उम्मीद टूटी, सऊदी ने कतर के साथ रद्द की बातचीत.

खाड़ी संकट दूर होने की उम्मीद टूटी, सऊदी ने कतर के साथ रद्द की बातचीत.रियाद: सऊदी अरब ने कतर के नेता से फोन पर बात करने के बाद दोहा पर तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए उसके साथ वार्ता शनिवार (9 सितंबर) को निलंबित कर दी. दोनों देशों की सरकारी मीडिया ने बताया कि कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी ने सऊदी के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बातचीत करके आगे वार्ता की इच्छा जताई. इससे तीन महीने से चल रहे खाड़ी संकट में गतिरोध दूर होने की उम्मीद जगी थी. इस संकट को सुलझाने में मध्यस्थता के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति की पेशकश के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली सार्वजनिक बातचीत थी.
 
सऊदी अरब के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने जून में कतर पर यह आरोप लगाते हुए संबंध तोड़ लिए थे कि वह इस्लामिक चरमपंथी समूहों को समर्थन दे रहा है और क्षेत्र के शत्रु ईरान से काफी नजदीकी बढ़ा रहा है. हालांकि कतर ने इन आरोपों को खारिज किया. सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने शुरुआत में कहा कि शहजादे ने ‘‘इस इच्छा का स्वागत किया है. सऊदी अरब के संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र के साथ समझौते पर पहुंचने के बाद विस्तृत जानकारियों की घोषणा की जाएगी.’’
 
यह परिदृश्य जल्द ही बदल गया जब एसपीए ने कतर की सरकारी मीडिया पर इस तथ्य को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया कि सऊदी अरब ने बातचीत की पहल की. एसपीए ने कहा, ‘‘कतर न्यूज एजेंसी ने जो प्रकाशित किया है वह तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का कतर प्रशासन का सिलसिला है.’’ उसने कहा कि कतर के साथ किसी भी तरह की बातचीत अब निलंबित की जाती है.
 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर और उसके पड़ोसी अरब देशों के बीच के संकट को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश करते हुए कहा है कि यह विवाद ‘‘बहुत आसानी से’’ सुलझाया जा सकता है. सऊदी अरब, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मिस्र ने कतर पर कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों से रिश्ता रखने के आरोप लगाए हैं. जून में उन्होंने कतर से राजनयिक और आर्थिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया था. बहरहाल, कतर ने इन आरोपों से इनकार किया है जबकि कुवैत इस संकट में प्रमुख मध्यस्थ के तौर पर उभरा है.
 
कुवैत के अमीर सबा अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ व्हाइट हाउस में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार (7 सितंबर) को ट्रंप ने पत्रकारों को बताया, ‘‘मेरा मानना है कि वहां शांति की गुंजाइश हो सकती है. लेकिन एक बार फिर मैं थोड़ी हिचकिचाहट के साथ कहता हूं. हम बेहतरीन कोशिश करने वाले हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह विवाद ऐसा है जिसे ‘‘बहुत आसानी से’’ सुलझाया जा सकता है.

ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इस मामले में हमारी बेहतरीन प्रतिभाएं काम कर रही हैं. जैसा कि आप जानते हैं, राजदूत डेविड फ्रीडमैन इस मामले से करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं. हमारे पास लोगों का अच्छा समूह है . हम देखेंगे कि क्या होता है.’’ उन्होंने कहा कि इस्राइल और फलस्तीन विवाद सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर बात कर रहे हैं.

Bureau Report

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