दिल्ली में कूड़े का पहाड़ धंसा: कई लोग दबे; चार कारें नहर में गिरीं, 2 की मौत

दिल्ली में कूड़े का पहाड़ धंसा: कई लोग दबे; चार कारें नहर में गिरीं, 2 की मौतनईदिल्ली: ईस्ट दिल्ली के बाहरी इलाके गाजीपुर स्थित डम्पिंग ग्राउंड में जमा कूड़े का एक बड़ा हिस्सा शुक्रवार को धंस कर रोड पर जा गिरा। दोपहर करीब 3 बजे हुए हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई। दरअसल, इस डम्पिंग ग्राउंड के पास पहले एक रोड और फिर एक नहर है। जब कूड़ा भरभरा कर रोड पर गिरा, तब वहां से कुछ कारें और एक स्कूटी भी निकल रही थी। ये सभी कूड़े के चपेट में आ गईं। इनमें से तीन से चार कारें नहर में जा गिरीं। एक स्कूटी सवार लड़की और एक महिला की बॉडी को नहर से निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ, दिल्ली पुलिस की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। बता दें कि इस डम्पिंग ग्राउंड में कचरे की ऊंचाई करीब 50 मीटर तक है, इसलिए इसे कचरे का पहाड़ कहा जाता है। 
 
पांचलोगों को रेस्क्यू किया गया…
मयूर बिहार के एसडीएम अजय अरोड़ा ने बताया कि अब तक दो लोगों की बॉडी को नहर से निकाल लिया गया है। पांच लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
ईस्ट-दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (डीडीएमसी) कमिशनर रणबीर सिंह ने कहा कि हादसा किस वजह से हुआ इसके बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते। जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
हादसे के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और ईस्ट दिल्ली की मेयर भी मौके पर पहुंचीं।
केजरीवाल ने कहा, ”इस बात की आशंका से इनकार नहीं कर सकते हैं कि कुछ और लोग कूड़े के मलबे में दबे हों। एक लाइफ डिटेक्टर मशीन बुलाई गई है। दिल्ली में कूड़े के निपटारे के लिए हम उपराज्यपाल (LG) से बात करेंगे।”
 
नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा डम्पिंगग्राउंड है ये
ईस्ट दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों का कचरा गाजीपुर में इकट्ठा किया जाता है। यह ढेर अब कूड़े के पहाड़ में तब्दील हो चुका है। डम्पिंग ग्राउंड पर कूड़ा भरने की क्षमता पहले ही खत्म हो चुकी है। इसे नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा डम्पिंग ग्राउंड माना जाता है।
हादसे के बाद गाजियाबाद की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया है। इस रूट से गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा समेत आसपास के लोग दिल्ली और नोएडा जाते हैं।
 
दिल्ली में तीन बड़े डम्पिंग ग्राउंड
बता दें कि दिल्ली में फिलहाल 13 डम्पिंग ग्राउंड हैं, जिनमें से गाजीपुर समेत 3 साइटों का ही ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। इन इलाकों में एयर पॉल्यूशन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुकी है।
 
कूड़े की परेशानी को SC ने बताया था- खतरे की घंटी
पिछले साल पॉल्यूशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब इस डम्पिंग ग्राउंड का जिक्र किया गया था।
कोर्ट ने कहा था, ”कुतुब मीनार की उंचाई 73 मीटर है। यहां के लैंडफिल साइट (कूड़ा डालने की जगह) की उंचाई 45 मीटर तक पहुंच गई है जो कि अब इससे सिर्फ 28 मीटर ही कम है। जल्द कोई उपाय नहीं खोजा गया तो कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई कुतुब मीनार से ज्यादा होगी। इससे निपटने के लिए सरकार के पास क्या योजना है? इलाके के विधायक क्या कर रहे हैं? वे भी जनता के प्रतिनिधि हैं। उन्हें कूड़े को लेकर काम करना चाहिए।”
कोर्ट ने राजधानी में कूड़े की समस्या पर कहा था कि कचरे का निपटारा नहीं होने से लोग मर रहे हैं। दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों पर नाराजगी जाहिर कर इसके उपाय के लिए एक्शन प्लान देने का ऑर्डर दिया था। तब सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया था, ”राजधानी में 6 लैंडफिल साइट में से तीन ओखला मंडी, भलस्वा और गाजीपुर की उंचाई 45 मीटर हो गई है। इन तीनों साइट्स पर रोजाना एक हजार मीट्रिक टन कूड़ा पहुंच रहा है।”
 
बीजेपी ने एमसीडी चुनाव के वक्त क्या कहा था?
अप्रैल में एमसीडी इलेक्शन से पहले बीजेपी ने घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें दिल्ली में कचरे के निपटारे की बात पर जोर दिया गया था। घोषणा पत्र में डम्पिंग ग्राउंड के मलबे को हाईवे बनाने, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाकर कूड़े का भार कम करने और पॉल्यूशन कम करने वाले खास तरह से पेड़ लगाने की बात कही गई।
 
Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*