NEET परीक्षा के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा ने की आत्महत्या

NEET परीक्षा के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा ने की आत्महत्यातमिलनाडु: मेडिकल के एडमिशन एंट्रेंस NEET के खिलाफ आवाज उठाने वाली 17 साल की दलित छात्रा एस अनीती ने आत्महत्या कर ली. शुक्रवार को तमिलनाडु के अरियालुर जिले में अनीता ने अपने घर में खुदकुशी की. राज्य बोर्ड परीक्षा में शानदार अंकों से पास होने वाली अनीता, मेडिकल एग्जाम में कट ऑफ से चूकने को लेकर काफी दिनों से परेशान थी.

अनीता के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, जो अपने बेटी को पढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करके पैसा जुटा रहे थे. उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है. बता दें कि इस साल की 12वीं बोर्ड परीक्षा में अनीता ने 1200 में से 1176 अंक हासिल किए थे. वो डॉक्टर बनना चाहती थी.

मेडिकल एंट्रेंस के लिए अगर उसकी बोर्ड परीक्षा के अंकों पर नजर डालें तो, अनीता को असानी से सीट मिल जाती, क्योंकि उसे 200 में से 196.75 मार्क्स मिले थे. वहीं इंजीनियरिंग के लिहाज से अनीता ने 200 में से 199.76 अंक हासिल किए थे. हालांकि मेडिकल के लिए होने वाले नीट (NEET) एग्जाम में अनीता कट ऑफ क्लियर नहीं कर सकी. वो 700 में से सिर्फ 80 अंक प्राप्त कर पाई.

अनीता के रिश्तेदारों का कहना है कि वो मेडिकल के लिए सीट हासिल न कर पाने को लेकर काफी परेशान थी. उन्होंने बताया कि उसे मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में उसे दाखिला मिल रहा था, फिर भी उसने ऐसा कदम उठाया.

आपको बता दें कि अनीता ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वो MBBS में दाखिले के लिए राज्य में NEET की परीक्षा के अंकों पर निर्भरता पर रोक लगाए. उसने अपनी याचिका में कहा था कि NEET के लागू होने से तमिलनाडु के कई छात्रों की आकांक्षाओं पर पानी फिर जाएगा.

हालांकि, 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को NEET के अनुसार मेडिकल परीक्षा करवाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ये फैसले तब आया जब केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार के NEET पर एक साल की रोक लगाने वाले विधेयक को खारिज कर दिया.

 
Bureau Report
 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*