गुजरात चुनावः BJP ने मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में प्रचार के लिए बनाई खास रणनीति

गुजरात चुनावः BJP ने मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में प्रचार के लिए बनाई खास रणनीतिनईदिल्लीः गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए 22 साल की सत्ता को बचाना चुनौती माना जा रहा है. एक तरफ सत्ता विरोधी लहर तो दूसरी तरफ राज्य के सामाजिक समीकरणों का पार्टी के खिलाफ जाना बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को चिंता में डाले हुए है. वहीं राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी अपने मैराथन चुनाव अभियान में हिंदू वोटरों को अपने किसी ना किसी सामाजिक गठजोड़ के माध्यम से अपने पक्ष में करने में जुटे है. ऐसे में बीजेपी का ध्यान अब राज्य के मुस्लिम मतदाताओं पर केंद्रीत होने लगा है. हालांकि यह भी सर्वमान्य सत्य है कि गुजरात में बीजेपी ने पिछले कुछ चुनावों से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है. लेकिन पार्टी ने अब राज्य के मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ करने के लिए अपनी पार्टी के मुस्लिम सदस्यों को प्रचार अभियान में लगाया है.2011 की जनगणना के मुताबिक गुजरात में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या 9.67 प्रतिशत है. जिनमें से ज्यादातर लोगो शहरों में रहते है. गुजरात की शहरी आबादी की बात करें तो शहरों की कुल जनसंख्या में 14.75 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है. जबकि गुजरात के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां की कुल जनसंख्या का 5.91 प्रतिशत हिस्सा मुस्लिम समुदाय का है. 

इंडियन एक्सप्रेस की मुंबई में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के करीब 100 सदस्य रविवार को सूरत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इरफान अहमद के नेतृत्व में सूरत रवाना हुए. पार्टी ने राज्य के मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में प्रचार के लिए यह पहल की है. इरफान अहमद ने बताया है कि हमारा पूरा ध्यान सूरत और उसके आसपास के जिलों में बीजेपी के प्रचार पर रहेगा इसके अलावा भी कई अन्य इलाके भी कवर किए जाएंगे. अहमद ने बताया कि गुजरात में चुनाव से पहले पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के कई और सदस्य भी प्रचार के लिए गुजरात बुलाए जा रहे है. 

अब सवाल है कि मुंबई से ही क्यों बुलाए गए अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य? जबकि गुजरात में खुद बीजेपी की अपनी माइनॉरिटी विंग है. इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए गुजरात बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के एमके चिश्ती खुद मौजूद नहीं थे. लेकिन बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने बताया है कि केंद्रीय नेतृत्व यह तक करता है कि चुनाव में प्रचार के लिए किसे भेजना है. यह मेरे हाथ में नहीं है. मैं सिर्फ अपनी तरह से इतना कह सकता हूं कि यदि मुझसे गुजरात में प्रचार के लिए पूछा जाएगा तो मैं निश्चित तौर पर हां कहूंगा.’

हाल ही में अपने 3000 अनुयायियों के साथ बीजेपी ज्वाइन करने वाले गुजरात के खेड़ा जिले की धार्मिक नेता सखी बाबा ने कहा कि यह इस बात पर तय करता है कि पार्टी किसे टिकट देती है, पहले यह तय हो जाए कि हमारे क्षेत्र से कौन खड़ा हो रहा है, इसके बाद हम यह तय करेंगे कि हमें उसके लिए प्रचार करना है कि नहीं. जब उनसे यह पूछा गया कि गुजरात के बाहर के मुस्लिम धर्मगुरु और अन्य प्रमुख मुस्लिम नेता यहां प्रचार करना कितना कारगर साबित होगा? इसके जवाब में सखी बाबा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि यह गुजरात के संदर्भ में सही कदम होगा. उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि पार्टी के इस कदम से पार्टी के भीतर ही विपक्ष खड़ा हो जाएगा.  बीजेपी के प्रवक्ता आईके जाड़ेजा ने भी इस बारे में किसी प्रकार की जानकारी होने से इंकार किया है.

Bureau Report

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