मार्क जुकरबर्ग नहीं रहेंगे फेसबुक के CEO? 31 मई को हो सकता है भविष्य पर फैसला.

मार्क जुकरबर्ग नहीं रहेंगे फेसबुक के CEO? 31 मई को हो सकता है भविष्य पर फैसला.नईदिल्ली: फेसबुक डाटा लीक के बाद से किरकिरी झेल रहे मार्क जुकरबर्ग के इस्तीफे की खबरें फिर से तेज हो गई हैं. दरअसल, चर्चा की है मार्क जुकरबर्ग से शेयरहोल्डर्स ने इस्तीफे की मांग की है. वॉचडॉग ग्रुप और फेसबुक के शेयरहोल्डर्स ने इसको लेकर एक प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव में जुकरबर्ग को फेसबुक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से हटाने की बात की जा रही है. एक विदेशी अखबार की एक खबर के मुताबिक, पिछले साल भी ऐसा ही एक प्रस्ताव लाया गया था. लेकिन, उस वक्त सहमति नहीं बन पाई थी. कुछ शेयरहोल्डर्स ही इसके पक्ष में थे. हालांकि, अभी तक यह पुष्टि नहीं हुआ है कि मार्क जुकरबर्ग से इस संबंध में कोई चर्चा की गई है. उनके इस्तीफे पर चर्चा पिछले दो साल से हो रही है.

क्या है प्रस्ताव में
प्रस्ताव में कहा गया है कि फेसबुक के फ्यूचर डेवलपमेंट के लिए एक इंडिपेंडेंट CEO की जरूरत है. फेसबुक का आगे डेवलपमेंट तभी हो सकता है जब कंपनी के बाहर का कोई व्यक्ति इसका डायरेक्टर हो. साथ ही वही कंपनी के नए CEO ही फेसबुक के फ्यूचर डेवलपमेंट के लिए रास्ता तैयार करेगा. प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा CEO मार्क जुकरबर्ग अभी तक ऐसा नहीं कर पाएं हैं. साथ ही उन्होंने यूजर्स की प्राइवेसी को भी खतरे में डाला है.

शेयरहोल्डर्स ने किया सपोर्ट

इंडिपेंडेंट CEO जो भी होगा वो कंपनी के ऑनगोइंग प्रॉब्लम्स पर एक्शन ले सकेगा और फेसबुक के एडवांसमेंट के लिए शेयरहोल्डर्स और इंवेस्टर्स को बिना नुकसान पहुंचाएं काम कर सकेगा. Someofus की इस पिटीशन पर 1500 शेयर होल्डर्स ने साइन किए हैं. इनमें से 1300 शेयर होल्डर्स प्रपोजल का सपोर्ट कर रहे हैं.

31 मई को हो सकता है फैसला

फेसबुक के आगे की प्लानिंग के लिए 31 मई को शेयरहोल्डर्स की वार्षिक बैठक होनी तय है. कंपनी की इस एनुअल मीटिंग में फ्यूचर प्लानिंग और कंपनी सीईओ पर भी फैसला हो सकता है. इस मीटिंग में 6 शेयरहोल्डर्स का वो प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा, जिसमें मार्क जुकरबर्ग के भविष्य को लेकर भी फैसला हो सकता है. साथ ही प्लानिंग, गवर्नेंस, कंपनी कंटेंट पॉलिसी जैसे अहम मुद्दों पर भी फैसला संभव है.

वॉट्सऐप CEO ने भी किया था इशारा

वॉट्सऐप के फेसबुक के हाथों बिक जाने के बाद से दोनों के बीच तालमेल की कमी थी. यही वजह थी कि वॉट्सऐप के सीईओ जैन कॉम ने भी इस्तीफा दे दिया था. लेकिन, जाते-जाते उन्होंने इशारा किया था कि अगर फेसबुक को आगे बढ़ने है तो कुछ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे. दरअसल, वॉट्सऐप डाटा लीक मामले में कॉम ने कहा था कि एन्क्रिपशन पॉलिसी होने के बावजूद फेसबुक ने पर्सनल डाटा का इस्तेमाल किया था.

क्यों हो सकता है ऐसा

दरअसल, कैम्ब्रिज एटलांटिका मामले में मार्क जुकरबर्ग की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान हुआ है. साथ ही कंपनी को करीब 3000 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. कुछ एंडोर्समेंट फर्म्स ने भी कंपनी से मुहं मोड़ लिया है. जिसके बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मार्क जुकरबर्ग की लापरवाही की वजह से ही यूजर्स का डाटा लीक हुआ है और वैश्विक स्तर पर कंपनी की छवि खराब हुई है. निवेशकों का भरोसा भी फेसबुक से कम हुआ है.

Bureau Report

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