मुंबई: 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के लिए जिस भारतीय शख्स ने अजमल कसाब समेत 10 हमलावरों को हिंदी सिखाई थी, उस आतंकी ने ही दो साल पहले सऊदी अरब के तटीय शहर जेद्दा में अमेरिकी कांसुलेट के बाहर आत्मघाती हमला किया. उसके डीएनए के मिलान से अब स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला फयाज कागजी था. चार जुलाई, 2016 में सऊदी अरब के इस शहर में अमेरिकी कांसुलेट के बाहर हुए इस आत्मघाती हमले में दो सुरक्षा अधिकारी घायल हुए और कागजी की मौत हो गई. उस दिन इस तरह के कुल मिलाकर तीन बम विस्फोट हुए थे. इसके अलावा दो अन्य बम विस्फोटों में से एक कातिफ की शिया मस्जिद के निकट और दूसरा मदीना में मस्जिद-ए-नबवी के बाहर हुआ था.
कौन है फयाज कागजी?
द इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक फयाज कागजी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था. इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि एनआईए ने आतंकी मामलों से जुड़े केसों की सुनवाई कर रही दिल्ली की स्पेशल कोर्ट को भी सूचित किया है कि फयाज कागजी की मौत हो चुकी है. जांच एजेंसियों का मानना है कि पुणे में जर्मन बेकरी विस्फोट(2010) और जेएम रोड(2012) विस्फोट का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर फयाज कागजी ही था.
सूत्रों के मुताबिक 2006 में औरंगाबाद में जो अवैध हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ था, उसमें भी वह वांछित था. इस मामले में 26/11 आतंकी हमले में कथित रूप से हैंडलर जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के खिलाफ भी मामला चल रहा है. कागजी का नाम इंटरपोल के साथ सीबीआई की वांटेड लिस्ट में भी शामिल है.
2008 के मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे. इस मामले में सीधे तौर पर तो कागजी आरोपी नहीं रहा लेकिन जांच एजेंसियों का मानना है कि उसने इस घटना को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को हिंदी बोलना सिखाया. इन 10 में से नौ आतंकियों को हमले के दौरान ही मार गिराया गया और आतंकी अजमल कसाब को पकड़ा गया. बाद में उसको फांसी दे दी गई.
कैसे हुई पहचान?
जेद्दा में हुए विस्फोट के बाद सऊदी अरब ने हमलावर की तस्वीर जब जारी की तो उसकी शक्ल कागजी से मिलने के कारण महाराष्ट्र एटीएस और एनआईए से इसकी पुष्टि के लिए संपर्क किया गया. उसी कड़ी में पिछले साल अगस्त में कागजी का डीएनए सैंपल सऊदी अरब भेजा गया. वहां पर डीएनए मिलने के बाद सऊदी अरब ने पुष्टि की है कि वह आत्मघाती हमलवार कागजी ही था.
जांच एजेंसियों का मानना है कि फयाज कागजी 2006 में जुंदाल के साथ बांग्लादेश होते हुए पाकिस्तान भाग गया था. उसके बाद उसने अपना बेस सऊदी अरब में शिफ्ट कर लिया. वहां वह भारतीय नागरिकों की लश्कर में भर्ती का काम देखता था. एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में उसका झुकाव आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की तरफ हो गया था और उसके बाद उसको जेद्दा में अमेरिकी कांसुलेट पर आतंकी हमला करने का जिम्मा सौंपा गया.
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