मोबाइल नंबर के लिए Aadhaar नहीं होगा जरूरी, अब इस ID का इस्तेमाल करेंगी कंपनियां

मोबाइल नंबर के लिए Aadhaar नहीं होगा जरूरी, अब इस ID का इस्तेमाल करेंगी कंपनियांनईदिल्ली: आधार को मोबाइल नंबर से लिंक कराने के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी. दरअसल, टेलीकॉम कंपनियां अब आधार की जगह नई आईडी का इस्तेमाल करेंगी. सरकार ने टेलिकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे अपने सिस्टम और नेटवर्क में बदलाव कर आधार नंबर की जगह पर वर्चुअल आईडी के उपयोग की सुविधा दें और मोबाइल सब्सक्राइबर्स के लिए ‘लिमिटेड केवाईसी’ मैकेनिज्म को अपनाएं. आपको बता दें, पहली जुलाई से वर्चुअल आईडी सिस्टम लागू होना है. यूजर अपने आधार नंबर की जगह वर्चुअल आईडी का उपयोग कर सकेंगे.

क्या है वर्चुअल आईडी
वर्चुअल आईडी किसी व्यक्ति के आधार नंबर पर मैप की गई 16 अंकों की एक संख्या होगी. इसे अगले महीने से पूरी तरह लागू किया जाना है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वर्चुअल आईडी के आने से आधार डेटा की प्राइवेस और सिक्योरिटी और मजबूत होगी. सरकार ने भी इसे पुख्ता बनाने के मकसद से ही लागू करने की पहल की है.

DoT ने जारी किया नोटिफिकेशन

दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आधार नंबर के विक्लप के रूप में वर्चुअल आईडी, UID टोकन और केवाईसी कॉन्सेप्ट के बारे में UIDAI ने जो बदलाव किए हैं, टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिस्टम और नेटवर्क में उन्हें लागू करना होगा. कंपनियों के सभी सब्सक्राइबर को इसकी जानकारी देनी होगी. हालांकि, नए मोबाइल कनेक्शन जारी करने और मौजूदा मोबाइल सब्सक्राइबर्स के री-वेरिफिकेशन में आधार बेस्ड ई-केवाईसी प्रोसेस की मौजूदा व्यवस्था का पालन किया जाएगा.

ग्राहकों को विकल्प दें कंपनियां

दूरसंचार विभाग ने कहा है कि कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को आधार नंबर या वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल का विकल्प देना चाहिए. हालांकि, ऑपरेटर्स को यह नंबर ‘मास्क्ड फॉर्म’ में डिसप्ले करना होगा. कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके डाटाबेस में यह नंबर स्टोर न हो. DoT के मुताबिक, ऑपरेटर्स को नए सब्सक्राइबर या री-वेरिफिकेशन के लिए मौजूदा ई-केवाईसी का ही पालन करना होगा. सब्सक्राइबर्स का ऑथेंटिकेशन होने के बाद UID टोकन के जरिए उसकी प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी. 

सिस्टम में करना होगा बदलाव

दूरसंचार कंपनियों को अपने डेटाबेस में मौजूदा सब्सक्राइबर्स के आधार नंबरों की जगह यूआईडी टोकन का इंतजाम करने के लिए अपने सिस्टम में बदलाव करना होगा. विभाग ने सब्सक्राइबर डेटाबेस में शामिल किए जाने वाले विभिन्न पैरामीटर्स में से आधार नंबर को हटा दिया है और इनमें 72 कैरेक्टर वाले यूआईडी टोकन को शामिल कर दिया है.

कंपनियां स्टोर नहीं करेंगी नंबर

आधार जारी करने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इससे पहले दूरसंचार विभाग को बताया था कि सभी ऑपरेटरों का एक्सेस ‘लिमिटेड केवाईसी’ तक होगा और ये सर्विस प्रोवाइडर ईकेवाईसी या ऑथेंटिकेशन के अनुरोध भेजते वक्त सब्सक्राइबर का आधार नंबर या वर्चुअल आईडी स्टोर नहीं करेंगे.

आधार नंबर नहीं देंगे ग्राहक

सर्कुलर में कहा गया, ‘टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की ओर से आने वाले ईकेवाईसी के सभी अनुरोधों के मामलों में लिमिटेड केवाइसी के तहत यूआईडीएआई नाम, जेंडर, जन्मतिथि और पते के साथ फेस फोटो और यूआईडी टोकन शेयर करेगा. यूआईडीएआई लिमिटेड केवाईसी के तहत इन सर्विस प्रोवाइडर्स को आधार नंबर नहीं देगा.’ 

Bureau Report

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