MP सरकार ने दिया अखिलेश्वरानंद महाराज को ‘कैबिनेट मंत्री’ का दर्जा

MP सरकार ने दिया अखिलेश्वरानंद महाराज को 'कैबिनेट मंत्री' का दर्जानईदिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद महाराज को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अब कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है. अखिलेश्वरानंद महाराज को राज्यमंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के लिए प्रदेश सरकार की आदेश जारी कर दिया गया है. मध्य प्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद राज्य सरकार की नर्मदा सेवा यात्रा के संयोजक भी रहे हैं. आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने अखिलेश्वरानंद को यात्रा से पहले ही बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था.

सरकार ने पहले भी दिया था राज्यमंत्री का दर्जा 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुछ महीने पहले ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने की घोषणा करने वाले कंप्यूटर बाबा और पंडित योगेंद्र महंत, भय्यूजी महाराज, नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया था. यह समिति नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए बनाई गई है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, 31 मार्च को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषत: नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान के लिए इस विशेष समिति का गठन किया गया था. आदेश में कहा गया था कि राज्य सरकार ने इस समिति के 5 विशेष सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. राज्य सरकार ने कहा था कि इन साधुओं का सामाजिक योगदान ज्यादा है. 

पार्टी में भी उठे थे विरोध के स्वर
वहीं साधु-सन्यासियों को राज्य मंत्री का दर्जा देने पर विपक्ष ने मध्य प्रदेश सरकार को लगातार निशाना बनाया था. साथ ही बीजेपी में भी विरोध के सुर फूटने लगे थे. पार्टी के कुछ लोगों का कहा था कि मुख्यमंत्री ने 5 लोगों का समर्थन पाने के लिए 500 लोगों को पार्टी से दूर कर दिया है. इससे पार्टी को नुकसान ही होगा. आपको बता दें कि ये साधु पहले प्रदेश सरकार के खिलाफ ‘नर्मदा रथ घोटाला यात्रा’ निकाल रहे थे, लेकिन बाद में समिति के गठन होने पर यात्रा को रद्द कर दी गई थी. योगेंद्र महंत को इस यात्रा का संयोजक बनाया गया था. यात्रा रद्द करने के सवाल पर कंप्यूटर बाबा ने कहा था कि हम लोगों ने यह यात्रा निरस्त कर दी है, क्योंकि सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए साधु-संतों की समिति बनाने की हमारी मांग पूरी कर दी है. अब भला यात्रा क्यों निकालेंगे.

हाईकोर्ट भी पहुंच गया था मामला
उस दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सवाल किया था कि इन साधुओं को यह बताना चाहिए कि उन्होंने प्रदेश सरकार के साथ क्या डील की है, जिसके तहत नर्मदा घोटाला रथ यात्रा रद्द कर दी गई. उन्होंने सवाल किया था कि क्या इन्होंने राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने के लिए ही इस यात्रा का ऐलान किया था. साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम चाहते हैं समाज का हर वर्ग विकास और लोगों के लिए कल्याण के लिए काम करें. यही वजह है कि हमने समाज के प्रत्येक वर्ग को एक साथ लाने का प्रयास किया है. वहीं इस मामले को लेकर राम बहादुर शर्मा नामक एक शख्स ने शिवराज सरकार के फैसले को इंदौर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार से पूछा था कि इन साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा क्यों और किस आधार पर दिया गया है.

Bureau Report

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