यूपी : 60 करोड़ बचाने के लिए बना डाले 400 करोड़ रुपये के फर्जी बिल, लेकिन यहां पकड़ी गई चालाकी

यूपी : 60 करोड़ बचाने के लिए बना डाले 400 करोड़ रुपये के फर्जी बिल, लेकिन यहां पकड़ी गई चालाकीनईदिल्ली/लखनऊ: कानपुर में जीएसटी की इंटेलिजेंस विंग ने फर्जी फर्म बनाकर 400 करोड़ रुपए के फर्जी बिल के जरिए 60 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने वाले दो व्यापारियों को अपनी गिरफ्त में लिया है. इन कारोबारियों ने 60 करोड़ की जीएसटी की हेराफेरी की थी. एक अधिकारी की जानकारी के मुताबिक, कानपुर के व्यापारी मनोज कुमार जैन और चंद्र प्रकाश तायल फर्जी फर्म के ​जरिए जीएसटी की हेराफेरी कर रहे थे. इस मामले में गुरुवार (5 जुलाई) को लखनऊ को गोमती नगर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया और लखनऊ की स्पेशल सीजेएम की अदालत में आरोपियों को पेश किया गया. जहां से दोनों ही आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. अभी इस गिरोह के कई अन्य सदस्यों की तलाश जारी है.  

बताया जा रहा है कि मनोज कुमार जैन ने लगभग 300 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग कर सरकार को लगभग 44 करोड़ रुपये का चूना लगाया. वहीं, चंद्र प्रकाश तायल ने लगभग 100 करोड़ की फर्जी बिलिंग करते हुए 16 करोड़ की हेराफेरी की है. जीएसटी लागू होने के एक साल बाद पकड़ी गई यह सबसे बड़ी टैक्स चोरी कही जा रही है.

आरोपी मनोज कुमार जैन और चंद्र प्रकाश तयाल  कई कंपनियों के मालिक हैं. दोनों ने जीएसटी बचाने के लिए ये चोरी की. जानकारी के बाद जीएसटी इंटेलिजेंस ने कार्रवाई करते हुए मनोज कुमार जैन और चंद्र प्रकाश तयाल के कानपुर स्थित कई फार्मों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसके बाद बोगस बिल के जरिए टैक्स चोरी का सबसे बड़ा मामला सामने आया. छापेमारी के दौरान ये भी बात सामने आई कि आरोपी सीमेंट, बिटुमेन, कच्चे चमड़े, प्लास्टिक के दाने, बीओपीपी फिल्मों और धातुओं की आपूर्ति के लिए फर्जी बिल जारी कर रहे थे. आरोपी ऐसे चालान अपने ग्राहकों को इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के जरिए लाभ पहुंचाने के लिए जारी कर रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, पिछले एक साल में आरोपियों ने करीब 400 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी कर, करीब 60 करोड़ रुपए की जीएसटी का चूना लगाया. दोनों आरोपियों ने जीएसटी रिटर्न में आईटीसी के माध्यम से जीएसटी का भुगतान दिखाया था, जिसे उन्होंने कभी खरीदा ही नहीं था. दोनों आरोपियों ने ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से माल ढुलाई के लिए फर्जी तारीख का इस्तेमाल किया और फर्जी ई-वे बिल भी बनाए. आपको बता दें कि लखनऊ की स्पेशल सीजेएम की अदालत में पेश किया गया. जहां से दोनों ही आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

Bureau Report

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