नईदिल्ली: मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के खत्म होने के बाद सभी मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है. इन सबके बीच सबसे बड़ी खबर ये है कि अजीत डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बने रहेंगे. कहा जा रहा है कि अजीत डोभाल को कैबिनेट रैंक भी दी गई है. गृह मंत्रालय ने सोमवार को अजीत डोभाल की नियुक्ति एनएसए के तौर पर पांच साल के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि अजीत डोभाल देश के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. डोभाल से पहले शिवशंकर मेनन भारत के एनएसए थे.
डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार में कैबिनेट रैंक भी दी है. हाल ही में एनएसए अजित डोभाल ने सुरक्षा बलों की क्षमताओं और दक्षता को बढ़ाने की जरुरत पर बल देते हुए कहा था कि ये कदम आवश्यक हैं क्योंकि सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियां ‘गंभीर’ हो सकती हैं. गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व प्रमुख डोभाल ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वार्षिक स्थापना दिवस समारोह में कहा था कि देश की सुरक्षा के लिए कार्य करने वाली एजेंसियों को अपने प्रौद्योगिकी कौशल को ‘सुदृढ़ करने के साथ ही उसका उन्नयन’ करना चाहिए.
डोभाल ने कहा था, ‘आपको अपनी दक्षता, क्षमता और ताकत बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए क्योंकि आने वाले दिनों में सुरक्षा चुनौतियां और गंभीर हो सकती हैं.’
‘एजेंसियां बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ कार्य कर रही हैं’
उन्होंने इस पर संतोष जताया कि बीएसएफ जैसी एजेंसियां और देश के गुप्तचर ढांचे में कार्यरत एजेंसियां बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ कार्य कर रही हैं और इस क्षेत्र में अपने उपकरणों को आधुनिक बनाने का प्रयास कर रही हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘आपकी पेशेवर दक्षता शीर्ष स्तर की है.’
बता दें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) दो अन्य सीमा रक्षा बल हैं. बीएसएफ में करीब ढाई लाख कर्मी हैं और ये पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती देश की संवेदनशील सीमाओं की रक्षा करती है.
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