यूपी में नए BJP के प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस तेज, ये 3 चेहरे हैं रेस में सबसे आगे

यूपी में नए BJP के प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस तेज, ये 3 चेहरे हैं रेस में सबसे आगेलखनऊ: डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय के केन्द्रीय मंत्री बन जाने के बाद यूपी में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसे लेकर कवायद और कयास दोनों शुरू हो गए हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव करीब तीन वर्ष बाद है लेकिन, तैनाती चुनावी पृष्ठभूमि के आधार पर ही होनी तय मानी जा रही है. ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बीजेपी आलाकामन मंथन करने में जुट गया है. 

पार्टी सूत्रों की मानें तो डॉ. पाण्डेय के रूप में एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद बीजेपी अब किसी दलित या अन्य पिछड़ी जाति पर दांव खेल सकती है. बीजेपी में प्रदेश स्तर के कई ऐसे नेता हैं, जिनकी सत्ता और संगठन पर समान रूप से पकड़ है. लिहाजा इन्हीं लोगों में से किसी एक को डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है. 

इसमें तीन नामों की चर्चा सबसे अधिक है, इसमें पहला नाम परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह का आता है, जबकि दूसरे नंबर पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री विद्या सागर सोनकर का नाम लिया जा रहा है. तीसरे नंबर पर प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य का नाम भी तेजी से सामने आने लगी है. 

साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और भाजपा का यह प्रयोग बहुत सफल हुआ था. लेकिन, केशव प्रसाद के उप मुख्यमंत्री बनते ही मोदी सरकार में राज्यमंत्री रहे डॉ. महेंद्र पाण्डेय को बीजेपी की कमान सौंपी गई. 31 अगस्त 2017 को डॉ. पाण्डेय की ताजपोशी हुई और माना गया कि ब्राह्मण समीकरण मजबूत करने के लिए उनको मौका दिया गया है. ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे है कि अगड़ी जाति से पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला को भी मौका दिया जा सकता है.

आम चुनावों के दौरान दलितों, पिछड़ों को लेकर जो बयान बड़े नेताओं की तरफ से दिए गए थे. उन्हीं की वजह से इन नामों की चर्चा सबसे अधिक हो रही है. जानकार बताते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में पार्टी अभी से जुट जाना चाहती है. पार्टी की मंशा यह भी है कि वह प्रदेश में गठबंधन के तिलिस्म को भी जड़ से तोड़े. लिहाजा वह दलितों के साथ-साथ ओबीसी को भी पूरी तरह से अपने पाले में करने के लिए जोर लगाएगी. हालांकि इन सबके बीच मनोज सिन्हा और कन्नौज से डिंपल यादव को हराने वाले सुब्रत पाठक का नाम भी चर्चा में है. माना जा रहा है कि मनोज सिन्हा को यूपी प्रदेश भाजपा में नेतत्व देकर भाजपा पूर्वांचल के भूमियार वोट बैंक को साध सकती है. 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि जो भी चेहरा फाइनल होगा, उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी यूपी में संगठन और सरकार को साथ में लेकर चलने की होगी. ऐसे में सरकार और संगठन का सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास के साथ अब सबका विश्वास जीतना वाली कसौटी पर कौन चेहरा काबिज होता है ये जल्द ही तय हो जाएगा. 

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*