आतंकी हाफिज सईद पाकिस्‍तान में अरेस्‍ट, टेरर फंडिंग केस में हुई गिरफ्तारी

आतंकी हाफिज सईद पाकिस्‍तान में अरेस्‍ट, टेरर फंडिंग केस में हुई गिरफ्तारीनईदिल्‍ली: पाकिस्‍तानी मीडिया से इस वक्‍त एक बड़ी खबर आ रही है कि मोस्‍ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद को गिरफ्तार किया गया है. टेरर फंडिंग केस में उसकी गिरफ्तारी हुई है. लाहौर से गुजरांवाला जाते वक्‍त उसको गिरफ्तार किया गया. पाकिस्‍तान में पंजाब के काउंटर टेररिज्‍म डिपार्टमेंट (CTD) ने उसको गिरफ्तार किया है. उसको न्‍यायिक हिरासत में भेजा गया. सूत्रों के मुताबिक इस घटनाक्रम पर भारत सरकार की भी नजर है. हाफिज को ऐसे वक्‍त गिरफ्तार किया गया है जब कल पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी दौरे पर जाने वाले हैं. उल्‍लेखनीय है कि जमात-उद-दावा आतंकी संगठन का सरगना हाफिज सईद 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों (26/11) का मुख्‍य साजिशकर्ता माना जाता है.

हालांकि पिछले दिनों हाफिज सईद व कुछ अन्य आतंकियों ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद वित्तपोषण मामले को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था कि सईद के साथ जिन अन्य आतंकवादियों ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद के मामले को चुनौती दी है, उनमें कुख्यात अब्दुर रहमान मक्की, आमिर हमजा, एम. यहया अजीज और चार अन्य शामिल हैं. इन सभी ने पाकिस्तान की केंद्र सरकार, पंजाब प्रांत की सरकार और देश के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) को प्रतिवादी बनाया है.

इन सभी ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है. इनकी याचिका में कहा गया है कि हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा या इन जैसे अन्य संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है. ये राज्य के खिलाफ किसी कार्रवाई में कभी शामिल नहीं रहे हैं. याचिका में उलटे इन आतंकियों ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों के लिए ‘भारतीय लॉबी’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सईद को मुंबई के आतंकी हमलों के लिए ‘भारतीय लॉबी’ द्वारा मास्टरमाइंड बताना वास्तविकता पर आधारित नहीं है.

इस महीने की शुरुआत में पंजाब के सीटीडी ने आतंकी वित्तपोषण के मामले में सईद और उसके 12 अन्य सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए थे. इन पर आरोप लगाया गया है कि पांच ट्रस्ट के माध्यम से ये आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया करा रहे हैं. सीटीडी ने कहा था कि उसने आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ लाहौर, गुजरांवाला और मुलतान में मामले दर्ज कराए हैं.

पाकिस्तान ने यह कदम आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए उस पर पड़े अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद उठाया. आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में डाला हुआ है और उसे इसमें सुधार के लिए अक्टूबर तक की डेडलाइन दी है.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*