केंद्रशासित प्रदेश J&K के पहले उपराज्‍यपाल बने गिरीश चंद्र मुर्मू, पढ़ें 10 बड़े बदलाव

केंद्रशासित प्रदेश J&K के पहले उपराज्‍यपाल बने गिरीश चंद्र मुर्मू, पढ़ें 10 बड़े बदलावश्रीनगर: जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन एक्‍ट, 2019 के बीती मध्‍यरात्रि के प्रभावी होने के बाद अस्तित्‍व में आए केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू और कश्‍मीर के पहले उपराज्‍यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. जम्‍मू-कश्‍मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्‍तल ने उनको शपथ दिलाई. जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन एक्‍ट, 2019 के तहत जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य आज से दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्‍मू और कश्‍मीर एवं लद्दाख में विभाजित हो गया है. इसी कड़ी में आज सुबह राधा कृष्‍ण माथुर ने लद्दाख के उपराज्‍यपाल पद की शपथ ली.

इसके साथ ही सरदार पटेल की जयंती के दिन यानी 31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर और लद्दाख प्रशासनिक तौर पर केंद्र सरकार के अधीन आ गए हैं. जम्मू कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा और लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा. अब राज्य में कई नए कानून लागू होंगे. आइए इस संदर्भ में बताते हैं कि जम्मू कश्मीर में क्या 10 नए बदलाव होंगे.

1. जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर से केंद्र शासित प्रदेश बनेगा
2. जम्मू-कश्मीर में RPC की जगह IPC लागू होगा
3. जम्मू-कश्मीर में 106 नए कानून लागू हो जाएंगे
4. जम्मू-कश्मीर में 153 विशेष कानून खत्म हो जाएंगे
5. उर्दू की जगह हिंदी, अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं होंगी
6. जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा गठित होगी
7. जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल की जगह लेफ्टिनेंट गवर्नर होगा
8. विधानसभा से पास किए बिल पर अंतिम फैसला LG लेंगे
9. विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष की बजाय 5 वर्ष का होगा
10. कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी

जम्मू कश्मीर में वर्तमान जम्मू और कश्मीर क्षेत्र शामिल होंगे. कानून और व्यवस्था केंद्र के पास रहेगी, जिसमें अब राज्य में अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा करने की भी शक्ति है. पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र पर लागू अनुच्छेद 239A का प्रावधान नए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लिए लागू होगा. नई विधानसभा में वर्तमान 6 वर्षों के स्थान पर 5 वर्षों का कार्यकाल होगा. इस तरह 31 अक्टूबर को भारत में एक राज्‍य कम हो गया है और दो केंद्र शासित प्रदेश बढ़ गए हैं. संविधान की पहली अनुसूची में 15 स्थान पर जम्मू कश्मीर राज्य को राज्यों की सूची से हटा दिया गया है. जम्मू कश्मीर UT की एक नई प्रविष्टि को केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में संविधान की पहली अनुसूची में 8 वें स्थान पर जोड़ा गया है.

विधानसभा की ताकत
जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में 107 विधायक होंगे. 107 विधायकों में से 24 सीटें पीओके क्षेत्र की खाली रह जाएंगी. निवर्तमान विधानसभा में 111 सदस्य थे, जिसमें 87 निर्वाचित सदस्य थे, 2 नामित थे, जबकि पीओके में 24 सीटें खाली रह गई थीं. नए कानून के तहत, एलजी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दो महिला प्रतिनिधियों को नामित कर सकती है, अगर उसे लगता है कि महिला प्रतिनिधित्व अपर्याप्त है.

लोकसभा-राज्यसभा सीटें
राज्यसभा वर्तमान जम्मू-कश्मीर से 4 मौजूदा सदस्यों की मेजबानी करना जारी रखेगी. वहीं पांच लोकसभा सीटें जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश और 1 लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के लिए आवंटित की गई हैं.

एलजी अपनी सहमति आरक्षित कर सकता है
जम्‍मू कश्‍मीर में विधानसभा द्वारा पारित सभी बिल उसकी सहमति के लिए एलजी को भेजे जाएंगे. एलजी अपनी सहमति दे सकते हैं, इसे रोक सकते हैं या राष्ट्रपति के विचार के लिए बिल भेज सकते हैं.यदि कोई असंगति है, तो संसद द्वारा कानून नई विधानसभा द्वारा पारित किसी भी कानून पर लागू होगा.

मंत्रिपरिषद
CM के पास मंत्रियों की परिषद होगी जिसमें विधानसभा के कुल सदस्यों का 10% से अधिक नहीं होगा.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*