‘Old Age Day’, सीनियर सिटीजन की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस की अनोखी पहल

'Old Age Day', सीनियर सिटीजन की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस की अनोखी पहलनईदिल्लीः पुलिस के नाम सामने आते ही हमारे दिलो दिमाग मे सिर्फ नकारात्मक तस्वीर सामने आती है. लेकिन जब आपके अपने आप से दूर हो या फिर अपने साथ नही होते तो कैसे दिल्ली पुलिस मददगार साबित हो रही है. मंगलवार को ओल्ड एज डे (Old Age Day) मनाया गया.

देश की राजधानी दिल्ली में हज़ारो बुजुर्ग अकेले रहने के लिए मजबूर हैं . इन बुजुर्गों में कुछ के परिवार में कोई सदस्य नहीं तो कुछ बुजुर्गों के बच्चे उन्हें अकेला छोड़ कर कहीं और रहने के लिए चले गए , तो कहीं कुछ बुजुर्गों के बच्चे नौकरी की तलाश में दूसरे शहर और दूसरे मुल्कों में जाकर बस गए और यहां छोड़ गए अपने पीछे अपने बूढ़े अकेले मां-बाप को , जो घरों में अकेले रहने के लिए मजबूर हैं  . सबसे बड़ी समस्या इन की सुविधा,  इनकी परेशानी और इनकी सुरक्षा की है.

दिल्ली में अपराध चरम पर है. बदमाश खासतौर से उन बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं जो दिल्ली में अकेले रह रहे होते हैं और काफी ज्यादा बूढ़े होते हैं . ऐसे बुजुर्ग इन बदमाशों का आसान टारगेट होते हैं . दिल्ली पुलिस ने सीनियर सिटीजंस के लिए तमाम तरीके की मुहिम चला रखी है और अपने पुलिसकर्मियों को यह आदेश दे रखा है कि समय-समय पर  इन अकेले  बुजुर्ग लोगों के पास जाकर उनका हालचाल पूछे. उनको कोई समस्या हो तो उनकी समस्याओं को दूर करें. उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करें और उनका खास ख्याल रखें.

मीडिया की टीम ने दिल्ली पुलिस के इस दावे की तस्दीक करने के लिए दिल्ली में उन तमाम बुजुर्गों के घर का दरवाजा खटखटाया जो 70 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं और अकेले रहने के लिए मजबूर हैं . दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाले 78 साल के प्रकाश राय और उनकी पत्नी 77 साल की प्रवीण राय अकेले ही अपने फ्लैट में रहते हैं . प्रकाश और प्रवीण का एक बेटा और एक बेटी है जो ऑस्ट्रेलिया में सेटल हो चुके हैं . प्रकाश प्रोफेसर के पद से रिटायर हैं और वह सिंगापुर में चढ़ाते थे.  दिल्ली पुलिस प्रकाश और उनकी पत्नी प्रवीणा का हालचाल जानने उनके घर पहुंची.

दरवाजा खुलते ही दिल्ली पुलिस को देखते ही प्रकाश और उनकी पत्नी ने पुलिस का खुले दिल से स्वागत किया. दिल्ली पुलिस ने उनसे किसी भी तरह की हो रही परेशानियों के बारे में पूछा, सुरक्षा के बारे में पूछा और यह भी कहा कि अगर कोई परेशानी हो तो वह किसी भी वक्त फोन कर सकते हैं.

प्रकाश और प्रवीणा का कहना है दिल्ली पुलिस ने उनके घर में स्लाइडिंग गेट लगवाने के लिए कहा ताकि अगर दरवाजे पर दस्तक हो तो पहले अंदर से ही वह देख पाए कि दरवाजे की दूसरी तरफ कौन है  और उनकी सुरक्षा में कोई सेंध न लग पाए.

वहीं 74 साल के प्रकाश चंद्र का कहना है कि वह पहले अपनी पत्नी के साथ यहां रहते थे लेकिन 1 साल पहले उनकी पत्नी का देहांत हो गया और 1 साल से वह अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. उनके दो बेटे हैं जो दिल्ली में ही दूसरी जगह अलग रहते हैं. प्रकाश चंद कोल विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए हैं . प्रकाश चंद का भी कहना है कि दिल्ली पुलिस उनका खास ख्याल रखती है. उनका घर ग्राउंड फ्लोर पर है ऐसे में दिल्ली पुलिस निकलते हुए रोज उनसे मिलती है और उनसे उनका हालचाल पूछने के साथ ही किसी भी तरह की परेशानियों के बारे में भी पूछती है और अगर कोई परेशानी होती है तो उसका समाधान भी करती है.

शिव चरण मल्होत्रा तो 80 साल से भी ज्यादा के हैं और अपनी पत्नी के साथ फ्लैट में रहते हैं  शिव चरण मल्होत्रा कंसलटेंट के पद से रिटायर हैं. उनका एक बेटा है जो ऑस्ट्रेलिया में रहता है और कभी-कभी इनके पास आकर इनका हाल-चाल भी लेता है. इस दौरान बेटे की अनुपस्थिति में दिल्ली पुलिस है जो उनका खास ख्याल रखती है. हफ्ते में 2 से 3 बार दिल्ली पुलिस मल्होत्रा जी के पास जाती है उनकी समस्याओं को सुनती है, उनकी सुरक्षा का ख्याल रखती है . शिव कुमार मल्होत्रा का कहना है दिल्ली पुलिस उनका ख्याल रखती है.

सीनियर सिटीजन के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर
राजधानी दिल्ली में अभी 37500 रजिस्टर्ड सीनियर सिटिजन है. सीनियर सिटीजन की मदद के लिए पुलिस का हेल्पलाइन नंबर 1291 है. दिल्ली पुलिस दो तरीके से सीनियर सिटीजन को पंजीकृत करती है. जिनकी उम्र 60 साल या उससे ऊपर हो और वो अकेले रहते हो. दूसरा जिनकी उम्र 60 साल या उससे ऊपर हो और वो परिवार के साथ तो रहते भी हो.लेकिन दिन में अकेले रहते है.परिवार के सद्स्य जॉब के बाहर हों. दिल्ली पुलिस सीनियर सिटीजन का आई कार्ड भी बनवाती है. आई कार्ड में नाम पाता इमरजेंसी नंबर पुलिस स्टेशन का नाम अगर किसी तरह की बीमारी हो तो डॉक्टर का नाम पता और फोन नंबर अगर डॉक्टर अपना नंबर देना चाहे तो सारी जानकारी होती है.

समय-समय पर होता है सिक्योरिटी ऑडिट
लोकल पुलिस और मुख्यालय लेवल पर मोनिटर करती है.लोकल लेवल पर बीट कांस्टेबल पर साप्ताहिक दौरा करते हैं. इसके अलावा समय समय पर सिक्यूरिटी ऑडिट भी किया जाता है. जिसमे पुलिस सर्वेंट, ड्राईवर, मेड और धोबी का वेरिफिकेशन करती है. साथ ही दिल्ली पुलिस जब भी इन बुजुर्गों के पास आती है . तो अपने साथ बुजुर्गों की सेल्फी भी खींचती है और आला अधिकारियों को उनकी सुरक्षा और समस्याओं से अवगत कराती रहती है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि दिल्ली में बुजुर्गों की सुरक्षा और सहूलियत ओं का खास ख्याल रखा जाता है.

Bureau Report

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