Farmers Protest: Delhi के टीकरी बॉर्डर पर Khalsa Aid ने खोला किसान मॉल, किसानों को मुफ्त में मिलेगा जरूरत का सामान

Farmers Protest: Delhi के टीकरी बॉर्डर पर Khalsa Aid ने खोला किसान मॉल, किसानों को मुफ्त में मिलेगा जरूरत का सामाननईदिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को एक महीने पूरे हो गए हैं और किसान दिल्ली की तमाम सीमाओं पर टिके हुए हैं. इस बीच दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर मौजूद किसानों की दिक्कतों को देखते हुए गैर-सरकारी संगठन खालसा ऐड ने एक किसान मॉल की स्थापना की है.

किसान मॉल में क्या-क्या मिलेगा

खालसा ऐड द्वारा स्थापित किसान मॉल में किसानों के दैनिक उपयोग से लेकर महिलाओं की जरूरत के सभी सामान मिलते हैं. खालसा ऐड के सदस्य और स्टोर मैनेजर गुरचरण ने बताया है कि किसान मॉल में टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, तेल, शैम्पू, वैसलीन, कंघी, मफलर, हीटिंग पैड, घुटने के कैप, थर्मल सूट, शॉल और कंबल के साथ अन्य कई सामान मिलते हैं.

मुफ्त में दिया जाएगा सामान

स्टोर मैनेजर गुरचरण ने बताया कि किसान मॉल में उपलब्ध सभी सामान मुफ्त में मुहैया कराए जाते है. उन्होंने बताया कि दरअसल यह व्यवस्था किसानों के जरुरत को देखते हुए की गई है, ताकि एक ही जगह उन्हें सभी सामान मिल सकें और उन्हें कहीं भटकना नहीं पड़े.

किसानों को दिए जाते हैं टोकन

गुरचरण ने बताया, ‘हम स्वयंसेवकों की मदद से किसानों को एक टोकन जारी करते हैं, जिससे वे किसान मॉल से कोई भी सामान खरीद सकते हैं. हम हर दिन 500 से अधिक टोकन वितरित करते हैं.’ मॉल के प्रबंधक ने बताया, ‘हमने चीजों की एक लिस्ट लगाई है और खालसा ऐड के स्वयंसेवक किसानों की जरूरत के हिसाब से सामान उपलब्ध कराते हैं.’

पहले खालसा ऐड ने लगाए थे फुट मसाजर

इससे पहले खालसा ऐड ने 11 दिसंबर को टीकरी बॉर्डर पर किसानों के लिए 25 फुट मसाजर मशीनें लगाई थीं. इसके अलावा संगठन ने वाटर प्रूफ टेंटों में 400 बेड और वॉशरूम के साथ-साथ गीजर भी स्थापित किए थे.

30 दिनों से चल रहा है किसानों का प्रदर्शन

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 30 दिनों से जारी है और किसान लगातार कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं. हालांकि इस दौरान किसान और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. आंदोलन कर रहे किसानों ने स्पष्ट ऐलान किया है कि वो संशोधन नहीं चाहते और कृषि कानूनों की वापसी के बगैर चर्चा संभव नहीं है. इसके साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाए. वहीं दूसरी ओर सरकार ये बताने की कोशिश में है कि नए कानून किसानों के हित में है और ज्यादातर किसान इसे समझते भी हैं.

Bureau Report

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