नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एक हिस्से का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कानपुर के पास न्यू भाऊपुर और न्यू खुर्जा के बीच बने 351 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को देश को समर्पित किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे.
21वीं सदी की नई पहचान देने वाला दिन: पीएम मोदी
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है. भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है. आज हम आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देख रहे हैं.’
‘आंदोलन के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाना गलत’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रदर्शनों और आंदोलनों के दौरान देश की इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाना गलत है. उन्होंने कहा, ‘जो हम प्रदर्शनों और आंदोलनों में देखते हैं. ये मानसिकता देश की संपत्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की है. हमें याद रखना चाहिए कि ये संपत्ति किसी नेता या दल की नहीं, देश की है. समाज के हर वर्ग का इसमें पसीना लगा है.’
‘आर्थिक ताकत बनने की दिशा में बढ़ रहा भारत’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है. इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है.’
पीएम मोदी ने बताया कॉरिडोर से किसे होगा फायदा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं. इससे मालगाड़ी की गति धीमी होती है. ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है. इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी.’ उन्होंने कहा, ‘ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत बड़े माध्यम होंगे. उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है.’
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कॉरिडोर का उद्घाटन करते हुए पूर्व की कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘इस परियोजना को पिछले सरकार के शासनकाल के दौरान 2006 में अनुमोदित किया गया था और साल 2014 तक केवल कागजों में मौजूद था. 2014 के पूर्व की केंद्र सरकार ने आवश्यक तात्कालिकता वाले राज्यों के साथ बात तक नहीं की. 2014 तक रेलवे लाइनों का 1 किमी ट्रैक भी नहीं बिछाया गया था.’
बजट करीब 45 गुना बढ़ गया: PM
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘2014 से पहले ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के लिए, जो पैसा भी स्वीकृत हुआ, वो सही तरीके खर्च नहीं हो पाया. 2014 में इस परियोजना के लिए फिर से फाइलों को खंगाला गया. अधिकारियों को नए सिरे से आगे बढ़ने के कहा गया, तो बजट करीब 45 गुना बढ़ गया.’
सीधे बाजार से जुड़ेंगे खेत: पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कॉरिडोर के शुरू होने के बाद देश के खेत सीधे बाजार से जुड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरु की गई है. किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है. अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी.’
तीन गुना बढ़ेंगी मालगाड़ियों की रफ्तार: पीएम
पीएम मोदी ने कहा, ‘विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है. इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा.’ उन्होंने कहा, ‘इस कॉरिडोर के शुरू होने के बाद यात्री ट्रेनें समय पर चलेंगीं. इसके साथ ही मालगाड़ियां तीन गुना तेजी से चलेंगी और दोगुना ज्यादा भार को ले जाने में सक्षम होंगी.’
5750 करोड़ रुपये में बना है 351 KM का हिस्सा
बता दें कि इस कॉरिडोर को करीब 5 हजार 750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है. कानपुर के पास न्यू भाऊपुर और न्यू खुर्जा के बीच बने इस कॉरिडोर की लंबाई 351 किलोमीटर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्टर्न कॉरिडोर के सेक्शन के साथ-साथ प्रयागराज में बने कंट्रोल रूम का भी उद्घाटन किया. देश का यह सबसे भव्य डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का कंट्रोल रूम है.
इस कॉरिडोर से क्या होगा फायदा
भारतीय रेलवे के सबसे बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन से यात्री ट्रेनों के लिए ट्रैक खाली होगा, जिससे ज्यादा यात्री गाड़ियों को चलाया जा सकेगा. इसके साथ ही इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चल सकेंगी.
1856 KM है कॉरिडोर की कुल लंबाई
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की कुल लंबाई 1856 किलोमीटर है, जो पंजाब के लुधियाना और पश्चिम बंगाल के दंकुनी तक है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरने वाले इस कॉरिडोर से व्यापार को एक नई दिशा मिलेगी. कई राज्यों से होकर गुजरने वाले इस कॉरिडोर का करीब 57 प्रतिशत हिस्सा यूपी से होकर गुजरेगा.
Bureau Report
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