Aadhaar Card News: बच्चों का आधार बनवाने में न करें देरी, रुक सकते हैं कई काम

Aadhaar Card News: बच्चों का आधार बनवाने में न करें देरी, रुक सकते हैं कई कामदिल्ली: आधार कार्ड आजकल कितना जरूरी हो गया है, इससे तो हर कोई वाकिफ है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आधार कार्ड बच्चों के लिए भी बहुत जरूरी है. तो अगर आपने अभी तक अपने बच्चे का आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो हम आपको बता रहे हैं कि बच्चों का आधार कार्ड कैसे बनवाएं.

कैसे बनवाएं बच्चों का आधार कार्ड

अगर आप अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाने जा रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि कौन-कौन से कागजात आपको ले जाने होंगे. बच्चों के आधार कार्ड के मामले में जरूरी कागजातों की दो श्रेणी बनाई गई हैं. पहली श्रेणी में 5 साल से कम उम्र के बच्चों को रखा गया है जबकि दूसरी श्रेणी में 5 से 15 साल तक के बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा.

5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए

1- ऐसा दस्तावेज जो बच्चे के साथ माता-पिता या अभिभावक का संबंध साबित करता हो जैसे बच्चे का बर्थ सर्टीफिकेट, हॉस्पिटल की ओर से जारी किया गया डिस्चार्ज कार्ड या पर्ची
2- माता या पिता में से किसी एक अभिभावक का आधार कार्ड
3- जब भी बच्चे का आधार बनवाने जाएं तो दस्तावेज की ऑरिजनल कॉपी भी साथ लेकर जाएं

5 से 15 साल के बच्चों के लिए

1- माता-पिता के साथ बच्चे का संबंध वाला दस्तावेज जैसे बर्थ सर्टिफिकेट.
2- बच्चे के नाम पर कोई भी आईडी कार्ड जैसे स्कूल आईडी कार्ड 
3- स्कूल के आईडी कार्ड के अलावा स्थायी पता का प्रमाण पत्र

UIDAI की साइट पर करें विजिट

UIDAI की साइट पर कुछ दूसरे कागजात जिन्हें UIDAI मान्यता देता है उसकी लिस्ट भी अपलोड की गई है. इस लिस्ट की जानकारी नीचे दिए गए लिंक पर मिल सकती है.

https://uidai.gov.in/images/commdoc/valid_documents_list.pdf

इन बातों का भी रखें ध्यान 

5 साल से कम उम्र के बच्चों के बायोमेट्रिक डिटेल्स नहीं लिए जाते हैं, केवल फोटो ली जाती है
5 साल के बाद बच्चे की बायोमेट्रिक डिटेल्स ली जाती है 
बच्चे के 15 साल का होने पर बायोमेट्रिक डिटेल्स अपडेट कराना जरूरी है.
बच्चों की बायोमेट्रिक्स को अपडेट करना बिल्कुल फ्री है
बायोमेट्रिक्स अपडेट करने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है
बायोमेट्रिक्स अपडेट कराने के वक्त बच्चे को उसके आधार कार्ड के साथ केंद्र पर ले जाना जरूरी है

बच्चों के आधार कार्ड के फायदे

बालिग होने तक बच्चों का न तो ड्राइविंग लाइसेंस बन सकता है और न ही मतदाता पहचान पत्र. ऐसी परिस्थिति में बच्चों की पहचान का एक ही दस्तावेज होता है और वो है आधार कार्ड. अगर आपने बच्चे का आधार कार्ड बनवा लिया है तो ये सरकारी संस्थानों में तो आपके काम आएगा ही, निजी संस्थान भी बच्चे की पहचान के मामले में इसे मानने से इनकार नहीं कर सकते.

Bureau Report

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