Red Fort हिंसा के बाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, Singhu Border पर लंगर की गाड़ियों पर लगी पाबंदी

Red Fort हिंसा के बाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, Singhu Border पर लंगर की गाड़ियों पर लगी पाबंदीनईदिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई है और लगातार कड़े कदम उठा रही है. हिंसा के बाद पुलिस ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. बता दें कि गणतंत्र दिवस  के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था.

पढ़ें- किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) का अपडेट..

– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब तक दिल्ली पुलिस और IB के अधिकारिओं के साथ कई राउंड की बैठक कर चुके हैं और पूरे मामले पर नज़र रखे हुए हैं. उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

– दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को देखते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन स्थल पर गाड़ियों के जाने से रोक लगा दी है. इसके साथ ही पुलिस ने लंगर की गाड़ियों पर भी पाबंदी लगा दी है. अब धरना स्थल तक मीडिया और पुलिस के अलावा कोई भी गाड़ी नहीं जा सकती है.

– दिल्ली पुलिस विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं को लुकआउट नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है. दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दर्ज एफआईआर में जिन नेताओं के नाम हैं, उनको लुकआउट नोटिस भेजा जाएगा.

– पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान आज (गुरुवार) नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी. बंगाल सरकार विपक्षी कांग्रेस और वाम मोर्चा को भी इस मुद्दे पर साथ लाना चाहती थी, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि समिति की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई है. वहीं बीजेपी ने कहा कि वह इस प्रस्ताव का विरोध करेगी.

– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब तक दिल्ली पुलिस और IB के अधिकारिओं के साथ कई राउंड की बैठक कर चुके हैं और पूरे मामले पर नज़र रखे हुए हैं. उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

– दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को देखते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर  पर चल रहे प्रदर्शन स्थल पर गाड़ियों के जाने से रोक लगा दी है. इसके साथ ही पुलिस ने लंगर की गाड़ियों पर भी पाबंदी लगा दी है. अब धरना स्थल तक मीडिया और पुलिस के अलावा कोई भी गाड़ी नहीं जा सकती है.

– दिल्ली पुलिस विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं को लुकआउट नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है. दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दर्ज एफआईआर में जिन नेताओं के नाम हैं, उनको लुकआउट नोटिस भेजा जाएगा.

– दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किए हैं. उन्हें 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है. 

– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (गुरुवार) दो अस्पतालों का दौरा करेंगे, जहां 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों को भर्ती कराया गया है. 

पुलिस ने 19 आरोपियों को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब तक 25 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 लोग हिरासत में हैं. हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ ICU में भी हैं. पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा है कि हिंसा में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कोई किसान नेता भी दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई होगी.

गाजीपुर बॉर्डर पर काटी गई बिजली

इससे पहले पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर बिजली काट दी गई थी. इसके साथ ही पूरे इलाके में पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता गौरव टिकैत ने कहा, ‘लाठी-बंदूक के दम पर आंदोलन को दबा नहीं सकते हैं. यह निवेदन है कि जिन लोगों ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की उनपर कार्रवाई की जाए और जिन लोगों ने लाल क़िले पर झंडा फहराया उसे पकड़ा जाए. आंदोलन खत्म नहीं कर सकते. यहां की लाइट तुरंत शुरू की जाए.’

कमजोर पड़ा किसानों का आंदोलन

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ने लगा है और दो किसान संगठन ने आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है. हिंसा से नाराज राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने गाजीपुर और नोएडा बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन को वापस ले लिया है.

लक्खा सदाना-दीप सिद्धू पर केस दर्ज

हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बने लक्खा सदाना और पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. दिल्ली के आईटीओ और लाल क़िला में हुई हिंसा में दीप सिद्धू और लक्खा सदाना का सबसे अहम रोल है. किसान आंदोलन  के दौरान दोनों काफी एक्टिव थे, हालांकि बाद में किसानों के कुछ धड़ों ने दीप सिद्दू को प्रदर्शन से हटाया भी था.  सूत्रों के मुताबिक दोनों किसान प्रदर्शन से कुछ दिन के लिए गायब हुए थे.

सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ देशद्रोह का मामला

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने सिख फॉर जस्टिस संगठन के खिलाफ UAPA और देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. बता दें कि भारत सरकार सिख फॉर जस्टिस को बैन कर चुकी है. किसान आंदोलन के दौरान सिख फॉर जस्टिस ने लाल किले पर झंडा फहराने का ऐलान किया था और झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी.

किसानों ने लाल क़िले की प्राचीर पर फहराया था धार्मिक झंडा

बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल क़िले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर के अलावा कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल क़िला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

Bureau Report

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