Gold Hallmarking के बाद घर में रखे सोने का क्या होगा? क्या उसे बेच पाएंगे या करानी होगी हॉलमार्किंग?

Gold Hallmarking के बाद घर में रखे सोने का क्या होगा? क्या उसे बेच पाएंगे या करानी होगी हॉलमार्किंग?

नईदिल्ली: सोने की ज्वेलरी को लेकर बुधवार से गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू हो गए हैं. यानी अब से सोने के सभी आइटम्स पर हॉलमार्किंग जरूरी होगी. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि उनके पास या घरों पर जो सोना या सोने की ज्वेलरी रखी है उसका क्या होगा, क्या उसके लिए भी हॉलमार्किंग करवानी होगी. अगर घर में रखे सोने की हॉलमार्किंग नहीं करवाई गई तो क्या उसकी कोई कीमत नहीं होगी. तो चलिए आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं. 

सवाल नंबर 1- हॉलमार्किंग नियमों के बाद घर में रखे सोने का क्या होगा?

जवाब- हमारे देश में लोगों को सोने से बहुत प्यार है, कई लोगों के पास खानदानी गहने, सोने, कलाकृतियां होती हैं, जो उनको पीढ़ियों से मिलती चली आ रही हैं. ऐसे में अचानक से नए गोल्ड हॉलमार्किंग के नियमों के बाद उनकी वैल्यू जीरो नहीं हो जाएगी. सरकार ने साफ किया है कि ज्वेलर्स ग्राहकों से पुराने सोने की ज्वेलरी वापस खरीद सकते हैं, भले ही उन पर कोई हॉलमार्किंग न हो. यानी आपके घर पर रखे सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के नियमों का कोई असर नहीं होगा. 

सवाल नंबर 2- क्या घर में रखे सोने को बेचा जा सकेगा?

जवाब- अब सवाल उठता है कि अगर आपके पास अगर सोने की ज्वेलरी, सिक्का या फिर ईंट है तो क्या आप उसे बेच सकेंगे, या उसके लिए भी हॉलमार्किंग की जरूरत होगी. तो पहले ये साफ कर लीजिए कि गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम सिर्फ ज्वेलर्स के लिए हैं, वो कस्टमर्स को बिना हॉलमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी नहीं बेच सकते, अगर ग्राहक के पास पहले से बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी है तो उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उसे पहले की तरह बेचा जा सकता है. यानी अगर कोई ग्राहक सोने के गहने, सिक्के वगैरह बेचने के लिए ज्वेलर के पास जाता है तो उसे पहले हॉलमार्किंग करवाने की जरूरत नहीं होगी और न ही उसे बदलने की मजबूरी.

सवाल नंबर 3 – क्या घर में रखी ज्वेलरी की कीमत गिर जाएगी ?

जवाब- एक अहम सवाल ये कि क्या घर में रखी बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी की वैल्यू गिर जाएगी, तो इसका जवाब है नहीं. ग्राहक अपनी गोल्ड ज्वेलरी को उसकी शुद्धता के आधार पर मार्केट वैल्यू पर बेच सकता है. गोल्ड हॉलमार्किंग की वजह से उसकी कीमतों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. अगर ज्वेलर चाहे तो पुराने ज्वेलरी की भी हॉलमार्किंग की जा सकती है. इसके अलावा, नए आभूषण बनाने के लिए सोने को पिघलाने के बाद हॉलमार्क भी जोड़ा जा सकता है. अगर कोई ज्वेलर ग्राहक से सोना खरीदकर उसे एक्सचेंज करने से मना करता है तो उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है. 

सवाल नंबर 3 – हॉलमार्किंग का गोल्ड लोन पर क्या असर होगा?

जवाब- कई लोग पैसों की जरूरत के वक्त गोल्ड को गिरवी रखकर लोन लेते हैं. तो क्या गोल्ड लोन पर हॉलमार्किंग का कोई असर होगा, तो इसका जवाब है बिल्कुल नहीं. कोई भी ग्राहक पहले की तरह ही गोल्ड लोन ले सकेगा. गोल्ड गिरवी रखकर लोन लेते वक्त ये बिल्कुल जरूरी नहीं कि गोल्ड हॉलमार्किंग वाला है या बिना हॉलमार्किंग वाला. इसलिए हॉलमार्किंग का नियम गोल्ड लोन पर भी लागू नहीं होगा. ग्राहक को चाहिए की सोना गिरवी रखने से पहले उसकी स्थिति के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ले. ग्राहक को अपने सोने की मार्केट वैल्यू पता चल जाएगी. इसके बाद गोल्ड को गिरवी रखकर गोल्ड लिया आसानी से लिया जा सकेगा. 

Bureau Report

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