नवजोत सिद्धू की मुश्किलें बढ़ीं, नए पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष राजा वड़‍िंग से ‘पंगा’ पड़ सकता है भारी

नवजोत सिद्धू की मुश्किलें बढ़ीं, नए पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष राजा वड़‍िंग से 'पंगा' पड़ सकता है भारी

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू की पार्टी में मुश्किलें बढ़ गई हैं। कांग्रेस ने सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी के सिद्धू के खिलाफ  पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश से सियासी माहौल गर्मा गया है। दरअसल, सिद्धू को इस बार पंजाब कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़‍िंंग से ‘पंगा’ लेना व उनके प्रति रवैया भारी पड़ सकता है।  

राजा वडिंग ने हरीश चौधरी को पत्र लिख कर कहा, अनुशासन तोड़ रहे हैं सिद्धू

जानकारी के अनुसार,  22 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस का कार्यभार संभालने के बाद ही वडिंग ने सिद्धू के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी को  पत्र लिख दिया था। इसके एक दिन बाद 23 अप्रैल को हरीश चौधरी ने सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश कर दी थी। हरीश चौधरी की सिफारिश को गंभीरता से लेते हुए सोनिया गांधी ने मामला अनुशासन कमेटी के चेयरमैन एके एंटनी को भेज दिया है। अनुशासन कमेटी अब कभी भी सिद्धू को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है।

सूत्रों के अनुसार, वडिंग ने अपने पत्र में लिखा, ‘ मेरे कार्यभार संभालने के मौके पर सिद्धू मुझे कांग्रेस भवन की पार्किंग में मिले। उन्होंने बधाई दी और चले गए। वह पार्टी के समारोह में शामिल नहीं हुए। इससे पार्टी वर्करों में अच्छा संदेश नहीं गया।’

इसके साथ ही वडिंग ने अपने पत्र में लिखा है कि सिद्धू ने बटाला में अश्वनी सेखड़ी, अमृतसर में सुनील दत्ती, जंडियाला में सुखविंदर सिंह डैनी, बठिंडा में हरविंदर सिंह लाडी आदि के यहां पर बैठक की। इसमें पार्टी से बर्खास्त किए गए सुरजीत धीमान, केवल सिंह ढिल्लों और नाजर सिंह मानशाहिया भी शामिल थे। यह ही नहीं, सिद्धू ने उक्त नेताओं के अलावा नवतेज सिंह चीमा, विजय कालड़ा के साथ राज्यपाल को एक मांग पत्र भी सौंपा। वडिंग ने सिद्धू के खिलाफ बनती अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए हरीश चौधरी से मांग की।

प्रदेश प्रधान की सिफारिश पर हरीश चौधरी ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की। चौधरी ने अपने पत्र में लिखा है, ‘ नवंबर से जब से मैंने प्रदेश प्रभारी का चार्ज लिया तब से ही सिद्धू लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते रहे, उन्होंने कांग्रेस सरकार को शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर चलने के भी आरोप लगाए।’

हरीश चौधरी ने लिखा कि नए प्रदेश प्रधान के कार्यभार संभालने के मौके पर जिस प्रकार का व्यवहार सिद्धू ने किया, उससे पार्टी वर्करों में अच्छा संदेश नहीं गया। वहीं, पार्टी सूत्र बताते हैं कि हरीश चौधरी की सिफारिश को सोनिया गांधी ने पार्टी की अनुशासन कमेटी को भेजकर सिद्धू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के एक तरह से संदेश दे दिया है। कमेटी जल्द ही सिद्धू को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है।

इससे पहले जाखड़ को जारी किया था नोटिस

हरीश चौधरी की सिफारिश पर अनुशासन कमेटी ने सुनील जाखड़ को नोटिस जारी किया था। हालांकि जाखड़ ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। इसके बाद कमेटी ने जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाने व दो साल के लिए पार्टी से सस्पेंड करने की सिफारिश सोनिया गांधी को की थी। हालांकि सोनिया गांधी ने अभी तक जाखड़ को सस्पेंड नहीं किया है।

सिद्धू आलाकमान के खिलाफ भी कर चुके थे बयानबाजी

नवजो‍त सिंह सिद्धू आलाकमान के खिलाफ भी बयानबाजी करने से नहीं चूके थे। सिद्धू के के ‘ईंट से ईंट बजा देंगे’, ‘दर्शनी घोड़ा नहीं बन सकता’ , सिद्धू का ‘पंजाब माडल’ जैसे बयानों से कांग्रेस हमेशा ही असहज रही। वहीं, मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने को लेकर सिद्धू ने जिस प्रकार से पार्टी में माहौल बनाया, उससे भी कांग्रेस पार्टी की भद्द पिटती रही लेकिन चुनाव के दौरान कांग्रेस सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करने की यहां तक की उन्हें चेतावनी देने तक की हिम्मत नहीं जुटा सकी। अब जब सिद्धू न तो विधायक है और न ही प्रदेश प्रधान तो पाार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। 

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*