Neeraj Chopra के लिए लकी साबित हुआ अगस्‍त का महीना, ऐतिहासिक दो गोल्‍ड अपने नाम कर डाले

Neeraj Chopra के लिए लकी साबित हुआ अगस्‍त का महीना, ऐतिहासिक दो गोल्‍ड अपने नाम कर डाले

नईदिल्‍ली: भारत के स्‍टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने रविवार को वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप्‍स में गोल्‍ड जीतकर इतिहास के पन्‍नों पर अपना नाम दर्ज करा लिया है।

नीरज चोपड़ा ने इसी के साथ ऐतिहासिक दो गोल्‍ड अपने नाम किए। नीरज चोपड़ा भारत के पहले ऐसे एथलीट बने, जिन्‍होंने ओलंपिक गोल्‍ड और वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप्‍स गोल्‍ड जीता। चोपड़ा ने रविवार को बुडापेस्‍ट में फाइनल में दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर गोल्‍ड अपने नाम किया।

नीरज चोपड़ा की शानदार वापसी

नीरज चोपड़ा ने रविवार को फाइनल में पहले प्रयास में फाउल किया, लेकिन उन्‍होंने दमदार वापसी की। चोपड़ा ने दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर की दूरी पर जेवलिन थ्रो किया। यह टेबल में तब शीर्ष पर काबिज ओलिवर हेलांडर्स के पहले प्रयास में 83.38 मीटर से लगभग चार मीटर दूर जाकर गिरा।

भारतीय एथलीट को पाकिस्‍तान के अर्शद नदीम, जर्मनी के जूलियन वेबर और चेक गणराज्‍य के जाकूब वादलेच से कड़ी टक्‍कर मिली। हालांकि, नीरज चोपड़ा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया और इतिहास रच दिया।

अगस्‍त महीना रहा लकी

नीरज चोपड़ा के लिए अगस्‍त का महीना लकी साबित हुआ है। उन्‍होंने 7 अगस्‍त 2021 को ओलंपिक गोल्‍ड जीता था। अब 27 अगस्‍त 2023 को उन्‍होंने वर्ल्‍ड एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप्‍स का गोल्‍ड जीता। नीरज की बदौलत भारत ने एथलेटिक्‍स में पहली बार ओलंपिक गोल्‍ड जीता था, जहां महान एथलीट्स मिल्‍खा सिंह और पीटी ऊषा चूक गए थे।

नीरज चोपड़ा को ऐतिहासिक जीत कड़ी चुनौतियों का सामना करके मिली। उन्‍होंने 2019 में कोहनी की सर्जरी कराई थी। इसके कारण वो दोहा वर्ल्‍ड चैंपियनशिप्‍स में हिस्‍सा नहीं ले सके थे। हालांकि, जनवरी 2020 में नीरज ने शानदार वापसी की और दक्षिण अफ्रीका में मीट के दौरान टोक्‍यो ओलंपिक्‍स के लिए क्‍वालीफाई किया।

भारतीय एथलेटिक्‍स के लिए ऐतिहासिक पल

टोक्‍यो ओलंपिक्‍स में चोपड़ा को जर्मन सुपरस्‍टार जोहानस वेटर से कड़ी चुनौती मिली थी। पूर्व वर्ल्‍ड चैंपियन लगातार 90 मीटर की दूरी पर भाला फेंक रहे थे। चोपड़ा ने हिम्‍मत नहीं गंवाई और ओलंपिक मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।

चोपड़ा की जीत उनके लिए व्‍यक्तिगत नहीं, लेकिन भारतीय एथलेटिक्‍स में ऐतिहासिक थी। चोपड़ा की जीत ने युवाओं में जोश भरा कि वो अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर गोल्‍उ जीत सकते हैं। चोपड़ा ने देश के युवाओं में नई ऊर्जा भरी और उन्‍हें देखकर कई लोगों ने अन्‍य खेलों में हाथ आजमाना शुरू किया।

Bureau Report

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