नईदिल्ली: वरुण धवन और सारा अली खान स्टारर कुली नंबर 1 का फैंस काफी समय से इतंजार कर रहे थे. आज क्रिसमस के मौके पर फिल्म को अमेजन प्राइम ) पर रिलीज किया गया है. कुली नंबर 1 डेविड धवन के निर्देशन में बनी है. 1995 में आई गोविंदा की फिल्म कुली नंबर 1 का ये फिल्म रीमेक है. फिल्म के 1995 के फ्लेवर को फैंस के सामने नए रूप में पेश किया गया. फिल्म में कॉमेडी का जबरदस्त तड़का लगाए जाने की कोशिश की गई है. अगर आप जानना चाहते हैं कि ये फिल्म कैसी है तो आपको ये रिव्यू पढ़ लेना चाहिए.
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी शुरू होती है गोवा के अमीर होटल मालिक रोजारियो (परेश रावल) से. रोजारियो अपनी दो बेटियों के लिए खुद से भी ज्यादा अमीर दामाद ढूंढने में लगा है. ऐसे में उसके घर उसकी बेटी सारा (सारा अली खान) का लिए रिश्ता लेकर पहुंचता है पंडित जय किशन (जावेद जाफरी, लेकिन रोजारियो इस पंडित की बहुत इंसल्ट कर देता है. इसके बाद अपने इसी अपमान का बदला लेने की जयकिशन ठान लेता है. इसके लिए वह कुली नंबर 1(Coolie No. 1) यानी राजू (वरुण धवन) को साथ लेता है. वह राजू को एक नकली अमीर प्रिंस बनाकर रोजारियो के पास ले जाता है. शादी करने के लिए राजू नाम बदलकर करोड़पति कुंवर महेन्द्र प्रताप सिंह बनने का नाटक रचता है. सारा और राजू एक दूसरे के प्यार में पूरी तरह से डूब जाते हैं, लेकिन उसकी सच्चाई जब सामने आती है तो वह एक और कहानी बुनता है- जुड़वा भाई की. सारा से शादी बचाए रखने के लिए वह एक के बाद एक झूठ बोलता है, लेकिन धीरे-धीरे मामला उसके हाथों से निकल जाता है और वो एक बड़ी मुसीबत में फंस जाता है.
फिल्म में ऐसे तो पुराने फ्लेवर को परोसा गया है, लेकिन अगर जिस किसी ने भी गोविंदा और करिश्मा की कुली नंबर 1 देखी होगी, उसको ये फिल्म कम पसंद आएगी. 2020 में भी यह फिल्म 1995 में ही सिमट कर रह जाती है. फिल्म में कई ऐसे सीन्स को पेश किया गया है जो फैंस की समझ के परे होने वाले हैं. फिल्म में जबदस्ती के कॉमेडी सीन्स को दिखाया गया है, लेकिन अगर आप इसकी स्टार कास्ट के फैंन हैं तो फिल्म देख सकते हैं. फिल्म में कई ऐसे स्टार्स हैं, जिनका काम अच्छा है.
एक्टिंग
राजू के रोल में वरुण धवन ने इंटरटेन करने की पूरी कोशिश की है. उनकी कॉमेक टाइमिंग अच्छी है, लेकिन गोविंदा से तुलना करें तो वह निराश कर सकते हैं. फिल्म के अटपटे डायलॉग्स में परेश रावल फंसे से नजर आ रहे हैं. फिर भी परेश ने हमेशा की तरह अपनी छाप छोड़ी है. ऐसा लग रहा है कि फिल्म में सारा अली खान और राजपाल यादव हैं ही नहीं, यानी दोनों को बहुत की कम जगह मूवी में मिली है. वहीं जावेद जाफरी, साहिल वैद्य और शिखा तलसानिया ने अपने छोटे किरदारों के साथ न्याय किया है और प्रभावी रहे हैं.
निर्देशन
डेविड धवन की बात की जाए तो उन्होंने ने अपनी ही फिल्म के रीमेक के साथ इंसाफ नहीं किया है. 1995 से 2020.. 25 सालों के फर्क को देखते हुए फिल्म में कुछ तब्दीली की जरूरत थी, लेकिन पटकथा को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया. फिल्म में अमीरी और गरीबी दोनों को बहुत अजीब तरीके से दिखाया गया है.
Bureau Report
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