नया सरकारी फरमान, 2 लाख रुपए से ज्यादा की नकद खरीद का हिसाब देगा दुकानदार

नया सरकारी फरमान, 2 लाख रुपए से ज्यादा की नकद खरीद का हिसाब देगा दुकानदारनईदिल्ली: कालेधन को नकद खरीदारी के जरिए खपाने की कोशिशों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक और कदम उठाया है। इसके तहत अगर आपने एक बार में 2 लाख रुपए से अधिक की नकद खरीदारी की या सेवा ली तो दुकानदार को इस लेनदेन की जानकारी सरकार को देनी होगी। 

शुक्रवार को आयकर विभाग (आईटी) ने यह नोटिफिकेशन जारी किया। यह नियम इस साल एक अप्रैल को ही लागू हो चुका था, मगर इसे लेकर कारोबारियों और दुकानदारों में पशोपेश की स्थिति थी। 

लेनदेन से विभाग यह जान सकेगा कि बड़ी खरीदारी करने वाले लोग अपनी मूल आय घोषित कर रहे हैं या नहीं। कारोबारियों को अब 2 लाख रुपए से ज्यादा के नकद लेनदेन का रिकॉर्ड रखना होगा।  इस नियम के चलते ज्यादा लोग कर के दायरे में आएंगे और सरकार को ज्यादा टैक्स मिलेगा।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल 19 जनवरी को संसदीय समिति के समक्ष नोटबंदी से संबंधित मुद्दों और अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले इसके प्रभाव के बारे में जानकारी देंगे।

नोटबंदी के बाद से 21 दिसंबर तक 3590 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है। आयकर विभाग के अनुसार इस दौरान 505 करोड़ जब्त किए। जिनमें से 93 करोड़ रुपए नए करेंसी नोट में थे। इसके अलावा विभाग ने 3,589 से ज्यादा नोटिस जारी किए हैं। 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद के एक हाउस पैनल से पूछा कि क्या आरबीआई को नोटबंदी लागू करने व तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। उन्होंने पैनल के समक्ष आरबीआई की स्वायत्तता का मसला भी उठाया। 

नोटबंदी के बाद देश में इनकम टैक्स छापों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी के पीछे पीएमओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। करीब 70 फीसदी छापे पीएमओ को हासिल जानकारी के आधार पर डाले गए हैं।  कालेधन के बारे में जानकारी देने के लिए करीब 600 फोन कॉल आए हैं। रोज करीब 20 कॉल आ रहे हैं।

वस्तु सभी क्षेत्रों में शॉर्ट टर्म  में मांग में कमी आएगी। हालांकि, लांग टर्म में बुक दुरुस्त होने की वजह से कारोबार करना आसान होगा। सेवा चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, आर्किटेक्ट और डॉक्टर्स की आमदनी पर असर पडऩे की आशंका नहीं। हालांकि, इन्हें टैक्स भरना पड़ेगा।

वस्तु : ज्वैलर्स, रियल एस्टेट, महंगी घडियां, ऑटोमोबाइल।

सेवा : चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, आर्किटेक्ट व डॉक्टर्स।

उपरोक्तसभी क्षेत्रों में 90 फीसदी से ज्यादा भुगतान नकद में ही होता है।

Bureau Report

 

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