कर्नाटक: कर्नाटक में चुनावी समीकरण ऐसे बने हैं जिसमें बीजेपी मात्र 8 सीट से बहुमत से पिछड़ रही है. अगर वह 8 विधायकों का समर्थन ले लेती है तो 104 विधायक मिलाकर बहुमत के 112 विधायक केे जादुई आंकड़े को छू लेगी और कर्नाटक में सरकार बना लेगी. इस बीच राज्य में जोड़-तोड़ की राजनीति तेज हो गई है. एक कांग्रेसी विधायक ने यहां तक दावा किया कि उसके पास बीजेपी वालों का फोन आया लेकिन उसने उनका ऑफर ठुकरा दिया. इसके तत्काल बाद ही जेडीएस और कांग्रेस ने हार्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद फरोख्त) रोकने के उपाय शुरू कर दिए हैं. गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के संकटमोचक बने डीके शिवकुमार इस बार फिर उसी भूमिका में हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें एमएलए की हॉर्स ट्रेडिंग रोकने की जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस विधायकों को ईगलटन रिजॉर्ट भेजा जा सकता है. यह वही रिजॉर्ट है जहां 2017 में गुजरात के राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायकों को रखा गया था. उस समय भी एमएलए की खरीद-फरोख्त के आरोप लगे थे.
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने मंगलवार को गवर्नर से मिलने का समय मांगा था लेकिन मुलाकात का समय नहीं मिला. इसके बाद बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी की ओर से राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पत्र पेश किया. फिलहाल राज्यपाल संविधान विशेषज्ञों और कानून के जानकारों से राय लेने के बाद ही कोई फैसला करेंगे. इस सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने एक बैठक बुलाई जिसमें कर्नाटक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई. उधर जेडीएस भी अपने विधायकों को बीजेपी से दूर रखने के लिए इंतजाम करने में जुटी है.
कांग्रेस आलाकमान के निर्देश के बाद पार्टी ने ईगलटन रिजॉर्ट में अपने विधायकों को रखने के लिए करीब 100 कमरे बुक कराए हैं. इसमें जेडीएस के विधायकों को भी रहने के लिए भेजा जा सकता है. यह फौरी इंतजाम कर्नाटक में सरकार बनने तक के लिए किया गया है. इस बीच केरल टूरिज्म के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट से तहलका मच गया है जिसके अलग-अलग सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं. केरल टूरिजम ने ट्वीट किया कि कर्नाटक में उठा-पटक के बाद हम सभी विधायकों को केरल के सुरक्षित और खूबसूरत रिजॉर्ट में आमंत्रित करते हैं.
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