लंदन: गर्भावस्था के दौरान ज्यादा ग्लूटेन युक्त आहार लेने से शिशु में टाइप – 1 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है. ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेहूं, राई और ज्वार में पाया जाता है. एक नए अध्ययन से इस बात का पता है. जंतुओं पर किए गए शोध के दौरान गर्भावस्था के समय ग्लूटेन रहित आहार से शिशुओं में टाइप1 मधुमेह नहीं पाया गया, लेकिन गर्भवती महिलाओं में इस प्रकार का अब तक कोई अध्ययन नहीं हुआ था.
डेनमार्क के बार्थोलिन इंस्टीट्यूट के शोधार्थियों ने यह पता लगाने पर काम किया कि क्या गर्भावास्था के दौरान ज्यादा ग्लूटेन युक्त आहार लेने से बच्चों में टाइप – 1 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने जनवरी 1996 से अक्तूबर 2002 के बीच डैनिश नेशनल बर्थ कोहॉट में पंजीकृत 63,529 गर्भवती महिलाओं के आंकड़ों का अध्ययन किया.
महिलाओं ने गर्भावस्था के 25वें सप्ताह में लिए गए आहार पर ‘‘फूड फ्रीक्वेंसी क्वेश्चनेयर’’ को भरा और बताया कि उनके बच्चों में टाइप – 1 मधुमेह पाया गया. इसमें औसत ग्लूटेन इनटेक 13 ग्राम प्रतिदिन थी. हालांकि यह मात्रा प्रतिदिन सात ग्राम से लेकर 20 ग्राम प्रतिदिन से भी अधिक थी. शोधार्थियों ने 247 ऐसे मामलों की पहचान की, जिनमें बच्चों में टाइप -1 मधुमेह पाया गया. हालांकि, शोधार्थियों ने कहा कि खानपान में बदलाव का सुझाव देने से पहले इस विषय पर अभी और अध्ययन करने की जरूरत है.
Bureau Report
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