ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता गेगांग अपांग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लिखे त्यागपत्र में उन्होंने कहा, ”मुझे यह देखकर निराशा हुई कि मौजूदा दौर की बीजेपी दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों का अनुसरण नहीं कर रही है. पार्टी अब केवल सत्ता पाने का प्लेटफॉर्म बनकर रह गई है.”
उन्होंने लिखा, ”दिवंगत वाजेपयी जी भारत के महानतम लोकतांत्रिक नेताओं में से थे. उन्होंने हमेशा हमको ‘राज धर्म’ की याद दिलाई. उनकी राजनीतिक दर्शन का छात्र होने के नाते मैं आज भी उसका अनुपालन करने की कोशिश करता हूं.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अटल जी ने एक बार कहा था कि सत्ता के लिए राजनीतिक विचारधारा के साथ समझौता करने से बेहतर सियासी बियाबान में रहना है. लेकिन मौजूदा दौर में पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में पार्टी इकाईयों के भीतर बीजेपी किसी भी सहभागी लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुपालन नहीं कर रही है.
एनपीपी के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड ने पिछले दिनों पत्रकारों से कहा, ‘‘एनपीपी ने एनईडीए का हिस्सा रहते हुए अरुणाचल प्रदेश में अधिक से अधिक विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने की योजना बनाई है.’’ एनईडीए को आर्थिक विकास की योजना बनाने का वाला एक मंच बताते हुए संगमा ने कहा कि हर पार्टी को उसकी पहचान बनाए रखने का अधिकार है, जो एनपीपी करेगी. एनपीपी अध्यक्ष ने कहा कि इसलिए अरुणाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का हिस्सा रहने के बावजूद एनपीपी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.
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