मोदी सरकार की घोर वादाखिलाफी से RSS भी नाराज, चुनाव में मदद नहीं कर रहे संघी: मायावती

मोदी सरकार की घोर वादाखिलाफी से RSS भी नाराज, चुनाव में मदद नहीं कर रहे संघी: मायावतीलखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) के दौरान विभिन्न दलों के नेताओं की ओर से मंदिरों में जाने पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने आपत्ति जताई है. इसके अलावा मायावती ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ दिया है. मंगलवार को मायावती ने लखनऊ में कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता पूजा-पाठ करने के बहाने प्रचार कर रहे हैं. चुनाव आयोग को तत्काल इसपर रोक लगानी चाहिए. 

उन्होंने कहा कि मंदिरों में दर्शन के बहाने नेता रोड शो कर ले रहे हैं. इसमें काफी पैसे खर्च हो रहे हैं. चुनाव आयोग को यह देखना चाहिए. कई नेताओं ने तो आचार संहिता के तहत प्रचार पर बैन लगने के बाद मंदिरों में दर्शन के बहाने प्रचार और रोडशो करते रहे. इन पूजा-पाठ को मीडिया में काफी दिखाया जाता है. ये सरासर चुनाव आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन है.

मायावती ने कहा कि जनता को वरगलाने के लिए देश ने अबतक कई नेताओं को सेवक, मुख्यसेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है. अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध प्रधानमंत्री चाहिए. जनता ने ऐसे बहरुपियों से बहुत धोखा खा लिया है अब आगे धोखा खाने वाली नहीं. ऐसा साफ लगता है.

पीएम मोदी सरकार की नैया डूब रही है, इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है व इनकी घोर वादाखिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी स्वंयसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे हैं, जिससे पीएम मोदी के पसीने छूट रहे हैं.

यहां आपको बता दें कि सोमवार को मायावती ने पीएम मोदी पर उनकी पत्नी को लेकर निजी हमले किए थे. इसके बाद बीजेपी के तमाम नेता मायावती पर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. दरअसल, राजस्थान के अलवर में दलित महिला के साथ हुए गैंगरेप की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मायावती को चैलेंज किया था कि वे अगर सच्ची दलित हितैषी हैं तो राजस्थान सरकार से अपन समर्थन वापस ले लें. इसपर मायावती ने पीएम मोदी पर पलटवार किया था.

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