बांग्लादेश की एक कोर्ट ने हिंदू संगठन ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया। इसस पहले बांग्लादेश पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर कार्रवाई की गई थी। उनको देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में बांग्लादेश पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ हिंदू समुदाय के लोग ढाका की सड़कों पर उतर पड़े थे और जाम लगा दिया था। कई जगह से हिंसा की खबरें भी आई थीं।
इस पर अब भारत ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, हमने बांग्लादेश ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।
देशद्रोह का मुकदमा हो चुका दर्ज
इससे पहले 30 अक्तूबर को बांग्लादेश में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में देशद्रोह अधिनियम के तहत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। आरोप है कि 25 अक्तूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में सनातन जागरण मंच ने आठ सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी। इस दौरान एक चौक पर स्थित आजादी स्तंभ पर कुछ लोगों ने भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर आमी सनातनी लिखा हुआ था। इसे लेकर चिन्मय कृष्ण दास पर राष्ट्रीय झंडे की अवमानना व अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से बढ़े हमले
बीते अगस्त में एक छात्र आंदोलन के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतत्व में एक कार्यवाहक सरकार बांग्लादेश में प्रशासन कर रही है, लेकिन शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से बांग्लादेश में हिदुओं और अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनके खिलाफ अल्पसंख्यक वर्ग द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।
यह मांग कर रहे हिंदू अल्पसंख्यक
अक्तूबर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की मांग को लेकर सनातन जागरण मंच ने चटगांव में विरोध प्रदर्शन शुरू किए थे। इसमें चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने कई बार सरकार पर हमला बोला। उनके नेतृत्व में हिंदू अल्पसंख्यकों ने आठ प्रमुख मांगों को लेकर आवाज बुलंद की है। इसमें अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराध शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए न्यायाधिकरण का गठ, पीड़ितों को मुआवजा और उनका पुर्नवास, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून को लागू करने, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का गठन, शैक्षिक संस्थानों और छात्रावास में अल्पसंख्यकों के प्रार्थना स्थल और पूजा कक्ष बनाने, हिंदू, बौद्ध और ईसाई वेलफेयर ट्रस्टों को प्राथमिकता देने, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम लागू करने, पाली और संस्कृत शिक्षा बोर्ड के आधुनिकीकरण और दुर्गा पूजा में पांच दिन की छुट्टी की मांग शामिल है।
Bureau Report
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