नईदिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंकों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. RBI अब 6 और बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) कैटेगरी में डाल सकता है. अगर ऐसा हुआ तो आपको इन बैंकों से लोन लेने में दिक्कत होगी. क्योंकि, इस कैटेगरी में आने के बाद बैंक लोन नहीं दे सकेंगे. इन बैंकों देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल है. आरबीआई के इस फैसले से वित्त मंत्रालय की उस योजना भी झटका लग सकता है, जिसमें कमजोर बैंकों के कर्ज को मजबूत बैंकों को बेचने की प्लानिंग थी.
किन बैंकों पर गिरेगी गाज!
रिजर्व बैंक के अधिकारियों के मुताबिक, PCA कैटेगरी में डाले जाने वाले बैंकों में पीएनबी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सिंडिकेट बैंक जैसे बड़े नाम शामिल हो सकते हैं. अगर आरबीआई अगले एक महीने में इन बैंकों को पीसीए कैटिगरी में डालता है तो ऐसे बैंकों की संख्या 17 पहुंच जाएगी. पिछले महीने ही आरबीआई ने इलाहाबाद बैंक को इस कैटिगरी में डाला था. बैंक से बिना रेटिंग वाले और हाई रिस्क कैटिगरी में लोन भी कम करने को कहा गया है. देना बैंक को भी नए लोन देने से रोका गया है.
मिल सकती है बैंकों को रियायत
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि इन 6 बैंकों का प्रदर्शन सभी मानकों पर खराब नहीं है. इसलिए हो सकता है आरबीआई इन बैंकों को कुछ रियायत दे. ऐसे में अगर इन बैंकों को पीसीए कैटिगरी में नहीं डाला गया तो उनके अच्छे कर्ज को बेचने की सरकार की योजना कामयाब हो सकती है.
बैंकों ने दिया भरोसा
सूत्रों के मुताबिक, सरकार और आरबीआई ने इस बैंकों के साथ बातचीत की है. बैंकों को भरोसा है कि वह अगली एक तिमाही में अपने बैड लोन को रिकवर कर लेंगे. हालांकि, अगर आरबीआई इन बैंकों को पीसीए कैटेगरी में डालकर कुछ पाबंदियां लगाता है तो स्थिति में सुधार होना मुश्किल होगा. बैंकों की बातचीत के बाद हो सकता है आरबीआई इन बैंकों को थोड़ी रियायत दे दे.
लोन बांटने पर लग सकती है पाबंदी
भले ही आरबीआई इन बैंकों को रियायत दे, लेकिन पीसीए में डाले जाने पर लोन बांटने पर पाबंदी लग जाती है. साथ ही बैंक अपनी ब्रांच की संख्या नहीं बढ़ा सकेंगे. उन्हें डिविडेंड पेमेंट रोकना पड़ सकता है. लोन देने पर भी कई शर्तें लगाई जाती हैं. वहीं, जरूरत पड़ने पर रिजर्व बैंक ऑडिट और रिस्ट्रक्चरिंग का भी आदेश दे सकता है.
कौन है इस कैटेगरी में शामिल
अभी इस कैटिगरी में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं. इन सभी बैंकों पर लोन बांटने और ब्रांच संख्या बढ़ाने पर रोक है.
Bureau Report
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