जानिए राष्ट्रपति चुनाव में कैसे तय होती है हार-जीत?

जानिए राष्ट्रपति चुनाव में कैसे तय होती है हार-जीत?नईदिल्‍ली: विभिन्न देशों में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया अलग-अलग है। सबसे बड़े लोकतंत्र कहे जाने वाले भारत में भी महामहिम को चुनने के लिए एक ख़ास तरह की व्यवस्था है।  रायसीना हिल्स की रेस में नंबर गेम काफ़ी अहम् भूमिका निभाता है।  

इस बीच ये जानना बेहद ज़रूरी है कि आखिर देश में राष्ट्रपति पद पर चुनाव कैसे होता है? कितने वोटों को हासिल करने पर राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल होती है? सांसदों और विधायकों के वोट की क्या क़ीमत है? राष्ट्रपति चुनाव में आख़िर कैसे तय होती है हार और जीत? 

ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए हम आपको कुछ आंकड़े दे रहे हैं, जिनसे आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति चुनाव को आसानी से समझ सकते हैं। 

लोकसभा सांसद – 543 (2 नॉमिनेटेड सदस्यों को छोड़कर)

राज्यसभा सांसद – 233 (12 नॉमिनेटेड सदस्यों को छोड़कर)

वोट देने वाले कुल सांसद- 776

देश के कुल विधायक – 4,120

कुल वोटरों की संख्या – 4,896

कुल 4,120 विधायकों के वोटों की संख्या – 5,49,474

कुल 776 सांसदों के वोटों की संख्या- 5,49,408

विधायकों-सांसदों का कुल वोट- 1,098,882

जीत के लिए जरूरी वोट- तकरीबन साढ़े 5 लाख वोट (549,442)

राज्यवार एक विधायक के वोट की क़ीमत 

उत्तर प्रदेश – 208

तमिलनाडु – 176

झारखंड – 176

महाराष्ट्र – 176

बिहार – 173

केरल – 152

पश्चिम बंगाल – 151

गुजरात – 147

दिल्ली- 88

सिक्किम – 7

अरुणाचल प्रदेश – 8

मिजारेम – 8

नगालैंड – 8

सबसे ज्यादा वोट वाले राज्य

उत्तर प्रदेश- 83,824

महाराष्ट्र- 50,400

पश्चिम बंगाल- 44,304

ऐसे तय होती है वोट की कीमत

देश के राष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के जरिए होता है, जिसमें जनता सीधे रूप से वोट नहीं डालती है, बल्कि चुने हुए जनप्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में सभी चुने हुए सांसद और विधायक वोट देने के लिए योग्य हैं. उनके वोटों की कीमत तय की जाती है. इसे आसानी से समझने के लिए आंध्र प्रदेश की एक मिसाल लेते हैं। 

मसलन आंध्र प्रदेश की कुल जनसंख्या (1971 की जनगणना के आधार पर) 4,35,02,708 है. एक विधायक के वोट की कीमत निकालने के लिए आंध्र प्रदेश विधानसभा की जनसंख्या को कुल विधायकों की संख्या (294) से डिवाइड करेंगे. इसके बाद इसे 1000 से डिवाइड करेंगे। हालांकि अब तेलंगाना अलग राज्य बन चुका है। लिहाजा दोनों राज्यों की जनसंख्या के आधार पर वहां के विधायकों के वोट की कीमत तय करने के लिए इसी विधि का इस्तेमाल होगा। 

एक सांसद के वोट की कीमत 708

एक सांसद के वोट की कीमत निकालने के लिए सभी राज्यों के विधायकों के वोट (5,49,474) को जोड़कर उसे लोकसभा के निर्वाचित 543 और राज्यसभा के निर्वाचित 233 सदस्यों से डिवाइड (भाग देना) किया जाता है। इसके बाद एक सांसद के वोट की कीमत 708.08 आती है. यानी राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट की कीमत 708 होती है। 

Bureau Report

 

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