एमएस धोनी के भविष्य पर बोलकर बुरे फंसे सिलेक्टर प्रसाद, फैंस ने याद दिलाए आंकड़े

एमएस धोनी के भविष्य पर बोलकर बुरे फंसे सिलेक्टर प्रसाद, फैंस ने याद दिलाए आंकड़ेनईदिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सिलेक्शन पर टिप्पणी महंगी पड़ी है. एमएसके प्रसाद ने सोमवार को कहा कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य पर चयन बैठक में चर्चा हुई थी, लेकिन झारखंड के इस क्रिकेटर के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने की स्थिति में ही वे विकल्पों की तलाश करेंगे. युवराज सिंह को आराम देने की स्थिति को स्पष्ट करने के बाद प्रसाद से जब धोनी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया, ”मैं ईमानदारी से कहूंगा. चर्चाएं हर किसी के बारे में होती हैं. ऐसा नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी के बारे में ही चर्चा हुई. जब हम टीम चुनते हैं तो हम संयोजन की बात करते हैं और हम हर किसी के बारे में चर्चा करते हैं.” 

धोनी के भविष्य के बारे में पूछने पर मुख्य चयनकर्ता ने कहा कि इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन जब तब वह टीम के प्रदर्शन कर रहा है, इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. अपने इस बयान को लेकर प्रसाद ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए हैं. टि्वटर पर उन्हें धोनी के फैंस की जबरदस्त आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. 

धोनी के फैंस ने टि्वटर पर प्रसाद को जमकर फटकार लगाई और खूब ट्रोल किया. धोनी के करियर को लेकर की गई टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर उनके फैंस प्रसाद के करियर पर सवाल उठाने लगे. कई लोगों ने टि्वटर पर उनके स्टेटिस्टिक्स पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्होंने खुद क्रिकेट में कोई कमालन नहीं दिखाया है और वह धोनी पर सवाल उठा रहे हैं. 

एक टि्वटर यूजर ने लिखा, “एक शख्स जिसने सिर्फ 6 टेस्ट मैच और 17 ODI खेले हैं, वह धोनी, युवराज और रैना की किस्मत तय करेंगे.”

बता दें धोनी के प्रसाद की सोमवार की टिप्पणी से गुस्सा हैं. उन्होंने कहा था कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य पर चयन बैठक में चर्चा हुई थी लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं करने की स्थिति में ही वे विकल्पों की तलाश करेंगे. 

इसके अलावा प्रसाद ने कहा था, ”वैसे आप कुछ नहीं कह सकते. हम यह नहीं कहते कि यह (चयन) एक स्वत: होने वाली चीज है लेकिन हम देखेंगे. हम सभी चाहते हैं कि भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करें. अगर वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो क्यों नहीं उसे ही चुना जाये? अगर वह नहीं होगा तो हमें उसके विकल्पों को तलाशना होगा.” 

इसके बाद उन्होंने आंद्रे अगासी का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ खिलाड़ी कैसे उम्र के साथ बेहतर होते जाते हैं. उन्होंने कहा, ”मैं आंद्रे अगासी की आत्मकथा ‘ओपन’ पढ़ रहा था, उनकी असल जिदंगी 30 साल की उम्र के बाद ही शुरू हुई. तब तक उन्होंने दो या तीन ट्राफी जीती थी. उनकी असल जिंदगी इसके बाद शुरू हुई. वह मीडिया के दबाव में रहे जिसमें उनके सवाल रहे कि ‘आप कब संन्यास लोगे?’ लेकिन वह 36 साल की उम्र तक खेले और उन्होंने इतने सारे ग्रैंडस्लैम खिताब अपनी झोली में डाले.” 

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