आरके नगर उपचुनाव: जयललिता के निधन से खाली सीट पर मतदान जारी

आरके नगर उपचुनाव: जयललिता के निधन से खाली सीट पर मतदान जारीचेन्नई: तमिलनाडु की पूर्व मंख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद खाली हुई आर के नगर विधानसभा निर्वाचन सीट पर उपचुनाव के लिए आज(शुक्रवार) मतदान कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया है. इस सीट के लिए आज (21 दिसंबर) को होने वाले उपचुनाव को 17 महीने पुरानी अन्नाद्रमुक सरकार का संभवत: रिपोर्ट कार्ड माना जा रहा है. दिवंगत अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे. जयललिता के निधन के बाद रिक्त हुई इस सीट पर अन्नाद्रमुक, विपक्षी दल द्रमुक और अन्नाद्रमुक से दरकिनार किये गये टीटीवी दिनाकरण मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं. उत्तरी चेन्नई में स्थित इस सीट पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ. लोग कुहासे और ठंड के बावजूद अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बड़ी संख्या में घरों से निकल रहे हैं.

सुबह मतदान करने वालों में इस सीट से द्रमुक प्रत्याशी एन. मरूधु गणेश शामिल हैं.सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के लिए आज का उपचुनाव अग्निपरीक्षा की भांति है क्योंकि जयललिता के निधन के बाद यह पहला चुनाव है. उपचुनाव के लिए हालांकि मैदान में 59 प्रत्याशी हैं लेकिन मुख्य मुकाबला अन्नाद्रमुक, दिनाकरण धड़े और द्रमुक के बीच है. अन्नाद्रमुक ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ई. मधुसूदन को मैदान में उतारा है वहीं दिनाकरण पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.

 
दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को अस्पताल के बिस्तर पर बैठा दिखाने वाला वीडियो कल जारी करने को लेकर दिनाकरण खेमा कटु आलोचनाएं झेल रहा है. दिनाकरण के विश्वासपात्र पी. वेर्तिवेल ने कल यह वीडियो जारी किया.उनके इस कदम की अन्नाद्रमुक, द्रमुक और अन्य सभी ने एक सुर में आलोचना की है. पार्टी के जमीन से जुड़े नेता और द्रमुक प्रत्याशी मरूधु गणेश को इस चुनावी लड़ाई में छुपा रुस्तम माना जा रहा है.  जयललिता के पिछले साल दिसंबर में निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी. सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां लंबे इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और 5 दिसंबर को उनका निधन हो गया.आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इसके बाद नियमों के मुताबिक इससे संबंधित कोई गतिविधि नहीं की जा सकेगी. आर के नगर सीट पर उपचुनाव के लिए विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं ने चुनाव प्रचार किया. इनमें मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, द्रमुक नेता एम के स्टालिन और अन्नाद्रमुक के दरकिनार किए गए नेता टी टी वी दिनाकरण शामिल हैं. सभी राजनीतिक दल इस चुनाव में अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं. यह चुनाव सबके लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है क्योंकि पहले जयललिता इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. पिछले साल दिसंबर में उनके निधन के बाद इस सीट के रिक्त होने के कारण यहां उपचुनाव कराया जा रहा है.

इस चुनाव प्रचार के दौरान स्टालिन और उनके धुर विरोधी एवं एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने कई वर्षों में पहली बार मंच साझा किया. शहर के इस विधानसभा क्षेत्र पर जीत हासिल करने के लिए विपक्ष एकजुट है. कांग्रेस, वीसीके और वाम दलों समेत कई विपक्षी दलों ने द्रमुक उम्मीदवार एन मरूथुगणेश को अपना समर्थन दिया है. दिनाकरण इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. दिनाकरण ने आशा जताई है कि वह अन्नाद्रमुक प्रत्याशी ई मधुसूदनन और द्रमुक के खिलाफ बड़ा उलटफेर कर सकते हैं.उपचुनाव में 59 प्रत्याशी अखाड़े में हैं लेकिन मुख्य रूप से मुकाबला मधुसूदनन, मरूथुगनेश तथा दिनाकरण के बीच है. 

इस सीट पर मतों की गिनती 24 दिसंबर को होगी. उपचुनाव में द्रमुक को अपने सहयोगियों कांग्रेस, आईयूएमएल, एमएमके के अलावा वाम, एमडीएमके और वीसीके जैसे मित्र दलों का भी समर्थन प्राप्त है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आर. के. नगर उपचुनाव को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग को कोई भी निर्देश देने से  इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति इन्द्रमीत कौर ने उपचुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्ट तरीके अपनाये जाने के आरोपों और शिकायतों की जांच करने का निर्देश सीबीआई को देने से भी इनकार कर दिया. 

आर. के. नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,28,234 मतदाता हैं। इनमें से 1,10,903 पुरूष, 1,17,232 महिलाएं और 99 ट्रांसजेंडर हैं. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। मतदान के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस के 2,000 कर्मियों और सीआरपीएफ सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 15 कंपनियों को 256 मतदान केन्द्रों पर तैनात किया गया है. मतदान प्रक्रिया पर नौ पर्यवेक्षक नजर रख रहे हैं, जो किसी एक विधानसभा क्षेत्र के लिहाज से बहुत ज्यादा है. 

Bureau Report

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