सर्वे: अविवाहीत महिलाओं में 6 गुना बढ़ा कंडोम का इस्तेमाल.

सर्वे: अविवाहीत महिलाओं में 6 गुना बढ़ा कंडोम का इस्तेमाल.नईदिल्ली: भारत में अविवाहित महिलाओं में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ गया है. अब बड़ी संख्या में अविवाहित महिलाएं सुरक्षित सेक्स को तरजीह दे रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कराए गए एक सर्वे से पता चला है कि 15 से 49 साल की अविवाहित महिलाएं जो सेक्शुअली ऐक्टिव हैं उनके बीच पिछले 10 साल में कंडोम का इस्तेमाल 2 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 में यह खुलासा हुआ है. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 से 24 साल के बीच की सेक्शुअली ऐक्टिव अविवाहित लड़कियां कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करती हैं. सर्वे के मुताबिक 8 में से 3 पुरुष आज भी ये मानते हैं कि गर्भनिरोध महिलाओं की जिम्मेदारी है और इससे पुरुषों का कोई लेना देना नहीं है.

ज्यादातर को  गर्भनिरोध के तरीकों की जानकारी 
15 से 49 साल के बीच के देश के 99 प्रतिशत शादीशुदा जोड़ों को गर्भनिरोधक के कम से कम एक तरीके की जानकारी है. हालांकि देश में 15 से 49 साल के बीच की शादीशुदा महिलाओं में कॉन्ट्रसेप्टिव प्रिवलेंस रेट यानी गर्भनिरोधक प्रचार दर (CPR) सिर्फ 54 प्रतिशत है. इनमें से भी सिर्फ 10 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भनिरोधक के तौर पर मॉडर्न तरीकों का इस्तेमाल करती हैं. ज्यादातर महिलाएं अब भी गर्भनिरोध के दादा-नानी के जमाने के नुस्खों पर भरोसा करती हैं. गर्भनिरोध के आधुनिक तरीकों में कंडोम, नसबंदी, गर्भनिरोधक गोलियां और इंट्रायूट्रिन डिवाइस (IUD) शामिल है. 

कॉन्ट्रासेप्टिव दवाइयों का इस्तेमाल कम
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में कहा गया है कि 25 से 49 वर्ष की महिलाएं गर्भनिरोध के लिए अपनी नसबंदी को तरजीह देती हैं और महिलाओं की नसबंदी, देशभर में गर्भनिरोध का सबसे प्रचलित तरीका है. सर्वे की मानें तो 1 प्रतिशत से भी कम महिलाओं ने इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव दवाइयों के इस्तेमाल की बात स्वीकारी.

गर्भनिरोधक इस्तेमाल में मणिपुर, बिहार सबसे पीछे
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 में पता चला है कि देशभर में गर्भनिरोध के तरीकों का सबसे कम इस्तेमाल मणिपुर, बिहार और मेघालय में होता है. इन राज्यों में इसका प्रतिशत सिर्फ 24 है वहीं, गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करने की लिस्ट में 76 प्रतिशत के साथ पंजाब पहले नंबर पर है. सर्वे में यह भी पता चला कि देशभर में आधुनिक गर्भनिरोध के तरीकों का इस्तेमाल करने के मामले में 65 प्रतिशत के साथ सिख और बौद्ध धर्म की महिलाएं सबसे आगे हैं जबकि मुस्लिम महिलाओं का प्रतिशत सिर्फ 38 है. नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में 6 लाख 1 हजार 509 घरों से साक्षात्कार किया था जिसमें लोगों की प्रतिक्रिया दर 98 प्रतिशत थी.

Bureau Report

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