भारी बारिश के बाद पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट बंद, हवाई सेवाएं ठप, टाली गईं 9 उड़ानें.

भारी बारिश के बाद पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट बंद, हवाई सेवाएं ठप, टाली गईं 9 उड़ानें.नईदिल्ली: बंगाल की खाड़ी से उठ रही तेज हवाओं के बाद पोर्ट ब्लेयर में मॉनसून पहुंच चुका है. जिसकी वजह से मंगलवार शाम से ही यहां भारी बारिश हो रही है. रातभर हुई बारिश ने द्वीप में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. वहीं, भारी बारिश के चलते पोर्ट ब्लेयर के एयरपोर्ट पानी में डूब गया है. जिसकी वजह से यहां से हवाई सेवाएं फिलहाल बंद कर दी गई हैं. इस दौरान करीब 9 उड़ानों को भी टाल दिया गया है. फिलहाल यातायात पूरी तरह प्रभावित है. अगले 4 घंटे तक बारिश रुकने की कोई उम्मीद नहीं है.

मौसम ने ली करवट
अंडमान द्वीप पर मौसम ने अचानक करवट ली. कल जहां पोर्ट ब्लेयर में तापमान 33 डिग्री था. वहीं रात को बारिश के बाद यहां अधिकतम तापमान 28 डिग्री तक चला गया. बुधवार सुबह 20 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. बारिश के चलते यहां का मौसम खुशगवार हो गया है. मौसम में 84 फीसदी नमी महसूस की गई. वहीं, हवाएं 40 किमी/प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हैं. 

कल केरल पहुंचा था मॉनसून
भारत में कल यानी मंगलवार से मॉनसून पहुंचना शुरू हुआ है. कल केरल में सबसे पहले मॉनसून ने दस्तक दी है. वहीं, भारत के पूर्वी इलाकों में भी मॉनसून की सक्रियता बढ़ रही है. सिक्किम, असम के कुछ इलाकों में तेज बारिश हुई है. वहीं, अंडमान-निकोबार में भी मॉनसून की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि पोर्ट ब्लेयर में पिछले 12 घंटे से तेज बारिश हो रही है. मानसून की चाल पर मौसम विभाग का अगला अनुमान 10 जून को जारी कर सकता है. अप्रैल में आईएमडी ने देश में 96 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था.

बेहतर रहेगा मॉनसून

मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश में साउथ वेस्ट मानसून नॉर्मल रहने की उम्मीद है. पूरे सीजन में 97% बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने कहा है कि अन-नीनो का खतरा कम हुआ है, मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति न्यूट्रल है. पूरे सीजन में 96 से 104 फीसदी बारिश हो सकती है. वहीं, इस साल देश के हर इलाके में बेहतर बारिश होने की संभावना है. कम बारिश होने की संभावनाएं बेहद कम हैं. 

अच्छी होगी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून को प्रभावित करने वाला प्रशांत महासागर की सतह का तापमान अभी तक मॉनसून के अनुकूल है और यह वर्ष ला-नीना वर्ष रहने का अनुमान है. ला-नीना वर्ष होने की स्थिति में मॉनसून सीजन के दौरान सामान्य तौर पर अधिक बरसात होती है, वहीं अल-नीनो वर्ष होने पर मॉनसून सीजन के दौरान बारिश कम होने की आशंका बढ़ जाती है. यह वर्ष क्योंकि ला-नीना वर्ष रहने का अनुमान है ऐसे में मॉनसून सीजन के दौरान अच्छी बरसात होने का अनुमान जताया है.

अल-नीनो का खतरा नहीं

मौसम विभाग के मुताबिक, प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के पास समुद्र के तापमान में कमी बनी हुई है. जून तक इसमें बदलाव की उम्मीदें नगण्य हैं. ऐसे में यहां लॉ नीना इफेक्ट पैदा होता है जिससे विषुवत रेखा के पास चलने वाली हवाएं ट्रेंड विंग के दबाव में जल्दी आती हैं. यह अच्छे मॉनसून का प्रतीक है.

Bureau Report

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