विजय माल्या को भारत लाने की उल्टी गिनती शुरू, 31 जुलाई को आ सकता है फैसला

विजय माल्या को भारत लाने की उल्टी गिनती शुरू, 31 जुलाई को आ सकता है फैसलानईदिल्ली: भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भागे कारोबारी विजय माल्या पर भारतीय एजेंसियों को जल्द बड़ी सफलता मिल सकती है. सूत्रों का दावा है कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. आपको बता दें कि विजय माल्याको भारत में प्रत्यर्पण कराने के मामले में 31 जुलाई को अंतिम बहस होनी है. इस दिन विजय माल्याके प्रत्यर्पण पर फैसला आने की आने उम्मीद की जा रही है. अंतिम बहस के दौरान 31 जुलाई को सीबीआई और ईडी अधिकारियों से लंदन कोर्ट में पेश रहने के लिए कहा गया है.

लंबे समय से चल रही है सुनवाई
गौरतलब है कि विजय माल्या के भारत में प्रत्यर्पण को लेकर सीबीआई और ईडी की याचिका पर लंबे समय से सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान माल्या ने सीबीआई के गवाहों को लेकर अदालत में सवाल खड़े किए थे. इससे पहले लंदन कोर्ट विजय माल्या को जायदाद जब्त करने के मामले में भी झटका दे चुका है. इसके बाल विजय माल्या ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत में कुछ लोग उन्हें जबरदस्ती सूली पर चढ़ाने को तैयार हैं. वह अपना प्लान सौंप चुके हैं.

बैंकों का पैसा चुकाने के लिए तैयार
माल्या ने यह भी कहा कि वह बैंकों का पैसा चुकाने के लिए तैयार हैं. लेकिन, जबरन संपत्ति जब्त करने की कोशिश की जा रही है. ब्रिटेन कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि, ब्रिटेन की ज्यादातर संपत्तियां उनके परिवार के नाम पर है और परिवार की संपत्ति को कोई छू भी नहीं सकता. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में माल्या ने कहा था कि भारत में यह चुनावी साल है. ऐसे में वे मुझे वापस लाकर सूली पर लटकाना चाहते हैं, ताकि उन्हें चुनाव में ज्यादा वोट मिल सकें. माल्या ने कहा था कि उन्हें सिर्फ पोस्टर ब्वॉय बनाया जा रहा है.

इससे पहले लंदन अदालत का फैसला आने के बाद एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर अरिजित बसु ने बताया था कि विजय माल्या की संपत्तियों की नीलामी से बैंक ने 963 करोड़ रुपये वसूले हैं. उन्होंने कहा था कि माल्या से वसूली के आदेश को लागू करने संबंधी ब्रिटेन की अदालत के आदेश से खुशी हुई है. कोर्ट के इस आदेश के बाद पूरा पैसा वसूलने की उम्मीद बढ़ी है.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*