OMG: इस ठेके पर शराब नहीं, मिलता है कुछ और, रेगुलर आने पर बदल जाएगी जिंदगी

OMG: इस ठेके पर शराब नहीं, मिलता है कुछ और, रेगुलर आने पर बदल जाएगी जिंदगीलुधियाना: अब तक आपने सेहत और सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाली शराब का ठेका ही सुना होगा, लेकिन अब नशे की गर्त में कंठ तक डूब चुके पंजाब में एक ठेका ऐसा भी खुला है, जहां आकर नशा करने से फायदा ही होगा. जिले में खन्ना-मालेरकोटला रोड पर स्थित गांव जरगड़ी में जाएं तो यहां दूर से ही लिखा दिखाई दे जाता है, ‘ठेका किताब… देसी ते अंग्रेजी’, यानि एक ऐसा ठेका, जहां शराब नहीं किताबें मिलेंगी. असल में लाइब्रेरी को ठेके का नाम दिया गया है, क्योंकि यह क्रिएटीविटी को दर्शाता है.

लुधियाना जिले में खन्ना-मालेरकोटला रोड पर स्थित गांव जरगड़ी में दर्शनदीप सिंह गिल के फॉर्म हाउस के बीच दीवार पर लिखा ‘ठेका’ शब्द पढ़कर यहां से गुजरता हर शख्स रुकता जरूर है. अगर मतलब समझ आ जाता है तो फिर मुस्कुराते हुए इसका जायजा भी लेता है.

इसके पीछे गांव के संपन्न परिवार के इंग्लिश टीचर दर्शनदीप सिंह गिल का यह दिलचस्प विजन है, जिनको पढ़ने-लिखने का नशा है, ऐसे शौकीनों के लिए इस ठेके पर तमाम किताबें मुफ्त उपलब्ध हैं. यहां बैठकर बड़े आराम से आप ज्ञान का नशा कर सकते हैं. यहां देसी मतलब पंजाबी और अंग्रेजी मतलब अंग्रेजी के साथ दूसरी भाषाओं वाली किताबें रैक में सजी हैं. इनमें तर्कशीलता के साथ सीख देने वाली कहानी की किताबें शामिल हैं.

फार्म हाउस के मालिक दर्शन दीप सिंह ने बताया कि इस खास मयकदे में पूरा इंतजाम है कि आप बोर न हों. दीवारों पर परिंदों के लिए आलणे लटकाने के साथ लाइब्रेरी के पास एक बनावटी खूबसूरत कुआं भी बनाया है. 

दूसरी मंजिल पर फूल-पौधों वाले गमलों के बीच यूज आफ वेस्टेज का मैसेज देती खूबसूरत टेबल-मूढ़े रखे हैं, ताकि ऐसे माहौल में पढ़ने वाले का दिल खुश हो जाए. इसके अलावा अगर यहां बैठकर पढ़ने की बजाय किताब घर ले जाने का मूड है तो बेशक आप अपनी पसंद की किताब घर ले जा सकते हैं. हां उसके लिए शर्त सिर्फ इतनी सी है कि किताब ले जाकर पढ़ने के बाद बा-ईमानदारी वापस रैक में सजानी हैं.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*