भारतीय बाजारों में चीन की घुसपैठ पर तगड़ा प्रहार, दिवाली पर चीनी सामान की ब्रिकी में 60% की गिरावट

भारतीय बाजारों में चीन की घुसपैठ पर तगड़ा प्रहार, दिवाली पर चीनी सामान की ब्रिकी में 60% की गिरावटनईदिल्ली: यह किसी सोशल मीडिया अभियान की सबसे बड़ी जीत मानी जा सकती है . सोशल मीडिया पर चाइनीज सामान के बहिष्कार की मुहिम पिछले तीन साल से चल रही है पर इस साल इस मुहिम के नतीजे आंकड़ों में भी दिखाई दे रहे हैं. 

आम तौर पर दिवाली के त्योहार के दौरान चीनी सामान भारी मात्रा में बेचा जाता है लेकिन चीनी सामान की बिक्री में कमी आई है. पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष चीनी सामान की ब्रिकी में लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई है.

चीनी उत्पादों की बिक्री में 60 प्रतिशत की गिरावट का आंकड़ा कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा हाल ही में दिवाली त्यौहार के दौरान देश के 21 शहरों में किए गए एक सर्वे के आधार पर जारी किया गया है. 

एक अनुमान के मुताबिक, दिवाली के दौरान 2018 में बेचे जाने वाले चीनी सामानों का मूल्य लगभग 8000 करोड़ रुपये था, जबकि इस साल दीपावली के त्योहार पर चीनी सामानों की बिक्री लगभग 3200 करोड़ रुपये की हुई . 

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘इस साल हमने दीवाली के त्योहार पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए जुलाई के महीने में ही देश भर के व्यापारियों और आयातकों को अग्रिम सलाह दी थी और परिणामस्वरूप आयातकों ने चीन से बेहद कम मात्रा में माल आयात किया और दूसरी तरफ व्यापारियों ने भी स्वदेशी सामान खरीदने पर ज्यादा जोर दिया और यही कारण था की इस वर्ष दिवाली त्यौहार में चीनी उत्पादों की उपलब्धता बेहद कम थी .’

चीनी उत्पादों की बिक्री में यह जबरदस्त गिरावट भारतीय व्यापारियों की खरीदी मानसिकता एवं भारतीय उपभोक्ताओं के बदलते खरीद व्यवहार को दर्शाता है.

कैट के सर्वे के अनुसार चीनी उत्पादों की बिक्री में बड़ी गिरावट खास तौर पर  गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिकल गैजेट्स, फैंसी लाइट्स, बरतन और रसोई  उपकरण, प्लास्टिक आइटम, भारतीय देवताओं और मूर्तियों, घर की सजावट के सामान, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, दिवार हैंगिंग, लैंप, होम फर्निशिंग आइटम, फुटवियर, गारमेंट्स और फैशन गारमेंट आदि में मुख्य रूप से हुई.

 सर्वेक्षण के दौरान लगभग 85% व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने इस दिवाली त्योहार के दौरान चीनी उत्पादों की बिक्री में गिरावट देखी है जबकि बाकी 15% व्यापारियों का मानना था कि भारत में अभी भी चीनी सामान का बाजार है.

ये सर्वे 24 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच किया गया  इसमें देश के 21 प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंग्लुरु, हैदराबाद, रायपुर, नागपुर, पुणे, भोपाल, जयपुर, लखनऊ, कानपुर, अहमदाबाद, रांची, देहरादून, जम्मू, कोयम्बटूर, भुवनेश्वर, कोलकाता, पांडिचेरी और तिनसुकिया में किया गया.

 
Bureau Report

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