पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत नए विवाद में फंसे, सिद्धू व चार कार्यकारी प्रधानों को बताया पंज प्यारे, अब मांगी माफी

पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत नए विवाद में फंसे, सिद्धू व चार कार्यकारी प्रधानों को बताया पंज प्यारे, अब मांगी माफी

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत अपने चंडीगढ़ के दौरे के दौरान नए विवाद में फंस गए हैं। इसके कारण उनको माफी मांगनी पड़ी है। रावत ने मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी प्रधानों को पांच प्यारे बता दिया। इससे नया विवाद छिड़ गया है। विवाद बढ़ने पर रावत ने बुधवार सुबह इसके लिए माफी मांगी और किसी गुरुद्वारा साहिब में सेवा करने की बात कही।

रावत ने ट्वीट कर कहा, पश्चाताप में गुरुद्वारा साहिब में सेवा कार्य करेंगे

हरीश रावत ने ट्वीट कर अपनी टिप्‍पणी के लिए क्षमा मांगी। उन्‍होंने लिखा, मुझसे कल अपने माननीय अध्‍यक्ष और कार्यकारी अध्‍यक्षों के लिए पंज प्‍यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्‍यारों के अग्रणी स्‍थान की किसी से तुलना नहीं हो सकती है।

हरीश रावत ने पूरे मामले पर अफसोस जताते हुए ट्वीट किया कि मुझसे यह गलती हुई। मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। मैं प्रायश्चित स्‍वरूप अपने राज्‍य के लोगों से क्षमा चाहता हूं और इसके लिए श्री गुरुद्वारा साहिब में सेवा कार्य करुंगा।

दरअसल हरीश रावत मंगलवार को यहां देर शाम इन कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उनके इस बयान पर शिरोमणि अकाली दल ने सख्त एतराज जताया है। पार्टी के उपप्रधान और मुख्य प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि यह कोई मजाक की बात नहीं है।

अकाली दल ने जताया एतराज, रावत पर केस दर्ज करने की मांग

उन्‍होंने कहा कि सिख धर्म में पांच प्यारों का एक महत्व है और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने शीश लेकर पांच प्यारों को यह उपाधि दी थी। उन्होंने कहा कि रावत अपने नेताओं को खुश करने के लिए इस तरह की बातों से सिखों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। चीमा ने रावत से अपने अल्फाज तुरंत वापस लेने की मांग की। उन्होंने पंजाब सरकार से हरीश रावत के खिलाफ भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज करने की मांग भी की है।

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*