Predator Drone: US से प्रीडेटर ड्रोन क्यों खरीद रहा भारत? इसी से हुई लादेन की निगरानी, जवाहिरी को किया गया ढेर

Predator Drone: US से प्रीडेटर ड्रोन क्यों खरीद रहा भारत? इसी से हुई लादेन की निगरानी, जवाहिरी को किया गया ढेर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से तीन अरब डॉलर में 31 प्रीडेटर (एमक्यू-9बी सीगार्डियन) ड्रोन खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी। अब इस पर अंतिम फैसला सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) करेगी। कहा जा रहा है कि पीएम की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हो सकते हैं। इनमें अमेरिका द्वारा निर्मित हथियारबंद ड्रोन का सौदा भी शामिल है। 

आइए जानते हैं क्या है हथियारबंद ड्रोन एमक्यू-9बी सीगार्डियन? यह खास क्यों है? इसका उपयोग कहां होगा? सौदे कब होगा? एमक्यू-9बी सी गार्डियन भारत के लिए क्यों जरूरी है?

पहले जानते हैं एमक्यू-9बी सीगार्डियन को लेकर अभी क्या हुआ है?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद की बैठक गुरुवार सुबह 10 बजे शुरू हुई, जिसमें अमेरिका से एमक्यू-9बी सी गार्डियन सशस्त्र ड्रोन खरीदने के सौदे पर चर्चा की गई। रक्षा मंत्रालय और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसमें अमेरिका से प्रीडेटर (एमक्यू-9बी सी गार्डियन) ड्रोन खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी। अधिग्रहण प्रस्ताव को अब आगे की प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसके बाद इसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से मंजूरी दी जाएगी। अधिग्रहण पर निर्णय लेने के लिए डीएसी रक्षा मंत्रालय में सर्वोच्च निकाय है। साथ ही सभी उच्च मूल्य के अधिग्रहणों के लिए सीसीएस की अंतिम स्वीकृति जरूरी होती है। अमेरिका की जनरल अटॉमिक्स निर्मिय प्रीडेटर ड्रोन आईएस और तालिबान जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में सबसे शक्तिशाली हथियार प्रणाली थे।

क्या है एमक्यू-9बी सीगार्डियन?
एमक्यू-9बी सीगार्डियन एक समुद्र केंद्रित ड्रोन है, जिसे अमेरिका की एयरोस्पेस विनिर्माण दिग्गज जनरल एटॉमिक्स कंपनी द्वारा विकसित किया गया है। इसके जरिए ऊंचाई से दुश्मन पर मिसाइल से सटीक निशाना साधा जा सकता है। प्रीडेटर ड्रोन आईएस और तालिबान जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में सबसे शक्तिशाली हथियार प्रणाली थे। अमेरिका में हुए 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन की निगरानी इसी से की गई थी। अमेरिका ने पिछले साल जुलाई में अफगानिस्तान के काबुल में ड्रोन हमले में अल-जवाहिरी मार गिराया था। अल-जवाहिरी 9/11 आतंकी हमले का साजिशकर्ता था। 

यह खास क्यों है?
अपने नाम के मुताबिक ही एमक्यू-9बी सी गार्डियन एक समुद्री-केंद्रित ड्रोन है। इसकी कुछ खासियत जो सबसे अलग बनाती हैं वे हैं:
– यह हर प्रकार के मौसम में 30 घंटे से अधिक समय तक उपग्रह के माध्यम से उड़ान भर सकता है
– यह नागरिक हवाई क्षेत्र में सुरक्षित रूप से एकीकृत हो सकता है। यह संयुक्त बलों और नागरिक क्षेत्र के अधिकारियों को समुद्री क्षेत्र में दिन या रात कभी भी वास्तविक समय में स्थितिजन्य जानकारी हासिल करने में में सक्षम बनाता है।
– इसमें एक इन-बिल्ट वाइड-एरिया समुद्री रडार, एक स्वचालित पहचान प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक समर्थन उपाय और एक स्व-निहित एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) किट लगी है।

इसका का उपयोग कहां होगा?
प्रीडेटर ड्रोन को मानवीय सहायता/आपदा राहत, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन, विरोधी सतह युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, एयरबोर्न माइन काउंटरमेसर, लंबी दूरी की रणनीतिक आईएसआर, ओवर-द-क्षितिज लक्ष्यीकरण, पनडुब्बी रोधी युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता है। क्वाड समूह के सदस्य चारों देश एमक्यू-9बी सीगार्डियन का का संचालन करते हैं। भारत वर्तमान में एक खुफिया-एकत्रीकरण अभियान के हिस्से के रूप में एमक्यू-9बी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।

सौदा कब होगा?
सूत्रों के मुताबिक, इस सौदे का एलान अगले हफ्ते अमेरिका में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मुलाकात के दौरान हो सकता है। पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका यात्रा पर होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व्हाइट हाउस में उनकी मेजबानी करेंगे। प्रधानमंत्री के रूप में नौ साल के कार्यकाल में यह पीएम मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा है। अपनी यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम भी बनेंगे।

भारत सशस्त्र ड्रोन पाने वाला पहला गैर-नाटो देश बन जाएगा, जिसे उसकी सीमाओं और हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात किया जा सकता है। भारत ने लंबे समय से अमेरिका से बड़े सशस्त्र ड्रोन खरीदने में रुचि जाहिर की है। लेकिन इसमें कई वजहों से देरी होती रही। इस सौदे में भारतीय नौसेना प्रमुख एजेंसी है और उसे 15 ड्रोन दिए जाएंगे। जिससे हिंद महासागर में चौकसी और बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा तीनों सेवाओं के स्वदेशी स्रोतों से समान प्रकार के मध्यम ऊंचाई और लंबे समय तक चलने वाले ड्रोन खरीदने की भी योजना है।

भारत को इसकी आवश्यकता क्यों है?
ऊंचाई से दुश्मन पर मिसाइल से सटीक निशाना साधने वाले प्रीडेटर एमक्यू-9बी सी गार्डियन ड्रोन से भारत की सीमाएं और सुरक्षित होंगी। इसके अलावा यह ड्रोन देश की सीमाओं और समुद्री क्षेत्रों में लंबी दूरी की निगरानी के भी काम आएगा। 

ड्रोन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा जरूरतों के प्रमुख हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञ लंबे समय से चीन और पाकिस्तान के बढ़ते खतरों के मद्देनजर ऐसे ड्रोन की जरूरत बता रहे हैं। पाकिस्तान के पास अभी चीन द्वारा दिया गया ड्रोन 20 घंटे तक हवा में रह सकता है और 370 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। हालांकि, एमक्यू-9बी सीगार्डियन ड्रोन इससे कहीं बेहतर गुणवत्ता और उन्नत तकनीक वाला है। 

आज दुनिया में इसकी बहुत अधिक मांग है। जापान, बेल्जियम, ब्रिटेन और कई अन्य देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं या उन्हें खरीदने की राह पर हैं।

Bureau Report

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