Supreme Court: 15 सितंबर तक पद पर बने रहेंगे ED निदेशक एसके मिश्रा; अदालत ने दी कार्यकाल विस्तार को मंजूरी

Supreme Court: 15 सितंबर तक पद पर बने रहेंगे ED निदेशक एसके मिश्रा; अदालत ने दी कार्यकाल विस्तार को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक एसके मिश्रा को 15 सितंबर तक ईडी निदेशक पद पर बने रहने की अनुमति दी। केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के तौर पर एसके मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दे दी है।

शीर्ष कोर्ट ने पहले कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया था
गौरतलब है, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को करारा झटका लगा था। शीर्ष कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया था। शीर्ष अदालत ने उन्हें अपने लंबित काम निपटाने के लिए 31 जुलाई 2023 तक का समय दिया। साथ ही न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन को सही ठहराया।

2018 में संजय कुमार मिश्रा की निदेशक के रूप में हुई थी नियुक्ति
गौरतलब है कि संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2018 में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्णकालिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। संजय मिश्रा 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) आयकर कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें पहले जांच एजेंसी में प्रमुख विशेष निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। ईडी में नियुक्ति से पहले संजय मिश्रा दिल्ली में आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त के रूप में कार्यरत थे।

2020 में मिला था पहला कार्यकाल विस्तार
केंद्र सरकार ने सबसे पहले  2020 में उनको एक साल का सेवा विस्तार दिया था। तब उन्हें 18 नवंबर, 2021 तक एक साल के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। फिर 2021 में कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही उन्हें दोबारा सेवा विस्तार दिया गया। ये दूसरी बार था। वहीं, 17 नवंबर 2022 को संजय कुमार मिश्रा का दूसरा सेवा विस्तार खत्म होने से पहले ही कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने एक वर्ष (18 नवंबर 2022 से 18 नवंबर 2023 तक) के लिए तीसरे सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी थी।  

सरकार पिछले साल एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमें यह अनुमति दी गई थी कि ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल दो साल की अनिवार्य अवधि के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।

सेवा विस्तार को दी गई थी चुनौती
प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इनमें उनके सेवा विस्तार को अवैध ठहराया गया था।

Bureau Report

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