लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यदि वो ईद के दौरान सड़कों पर अदा की जाने वाली नमाज को नहीं रोक सकते हैं तो उन्हें थानों में मनाए जाने वाले जन्माष्टमी को भी रोकने का अधिकार नहीं है. लखनऊ में प्रेरणा जनसंचार एवं सिद्ध संस्थान के कार्यक्रम में योगी ने कहा, ‘अगर मैं सड़क पर ईद के दिन नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगा सकता, तो मुझे कोई अधिकार नहीं है कि मैं थानों में जन्माष्टमी के पर्व को रोकूं…कोई अधिकार नहीं है.’ सूबे की समाजवादी पार्टी पर बरसते हुए योगी ने कहा कि वे लोग जो खुद को यदुवंशी कहते हैं उन्होंने थानों और पुलिस लाइन्स में जन्माष्टमी मनाने पर रोक लगा दी थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, योगी ने इस मौके पर कहा कि उनका मानना है कि प्रार्थना और कीर्तन से पुलिस सिस्टम में सुधार हो सकता है. सीएम ने सालाना कांवड़ यात्रा के दौरान बजने वाले डीजे और लाउडस्पीकर पर कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे और लाउडस्पीकर पर रोक नहीं लगेगी. योगी कहते है,‘मैंने प्रशासन से कहा, मेरे सामने एक आदेश पारित करिए कि माइक हर जगह के लिए प्रतिबंधित होनी चाहिए, हर जगह बैन करो, और ये तय करिए कि किसी भी धर्मस्थल में उसकी चहारदीवारी के बाहर लाउडस्पीकर की आवाज नहीं आनी चाहिए, क्या इसको लागू कर पाएंगे? अगर लागू नहीं कर सकते हैं तो फिर इसको भी हम लागू नहीं होने देंगे, यात्रा चलेगी.’ योगी ने कहा कि पहले अधिकारियों ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे और म्यूजिक सिस्टम पर रोक लगनी चाहिए. अधिकारियों के इस सुझाव पर योगी ने कहा कि बिना संगीत के ये कांवड़ यात्रा होगी या शव यात्रा. योगी ने अधिकारियों को बताया, ‘मैंने कहा कि ये कांवड़ यात्रा है या शव यात्रा? अरे वो कांवड़ यात्रा में बाजे नहीं बजेंगे, डमरू नहीं बजेगा, ढोल नहीं बजेगा, चिमटे नहीं बजेंगे, लोग नाचेंगे गाएंगे नहीं, माइक नहीं बजेगा तो वो यात्रा कांवड़ यात्रा कैसे होगी.’
आरएसएस विचारक दीनदयाल उपाध्याय के बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर गणेश उत्सव मनाने पर भी किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में सबको पर्व त्योहार मनाने का अधिकार है. योगी ने कहा, ‘ हम सबके लिए कहेंगे, आप क्रिसमस भी मनाइए, कौन रोक रहा है, भारत के अंदर कभी नहीं रोका गया, आप नमाज भी पढ़िए, आराम से पढ़िए, कानून के दायरे में रहकर पढ़िए, कोई रोकेगा नहीं, लेकिन कानून का उल्लंघन कोई करेगा तो उस पर कहीं ना कहीं फिर टकराव पैदा होगा, और इसलिए इन मुद्दों को दीनदयाल उपाध्याय ने प्रखरता ने उठाया.’
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