दो बेटियों ने सालभर निशुल्क पढ़ाया, बच्चे पढ़ते हैं किताब

दो बेटियों ने सालभर निशुल्क पढ़ाया, बच्चे पढ़ते हैं किताबसिरोही: गुलाबगंज स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का दानदाताओं के भरोसे कायाकल्प किया जा रहा है। यहां प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने को शिक्षक नहीं थे तो गांव की दो बेटियों ने साल भर बच्चों को निशुल्क पढ़ाया। नतीजतन आज प्राथमिक कक्षाओं के बच्चे न सिर्फ फर्राटे से किताब पढ़ते हैं बल्कि व्यावहारिकता के मामले में भी खासे आगे हैं।

ऐसे ली पढ़ाने की जिम्मेदारी

यहां सरकारी स्कूल में प्रार?िभक शिक्षा देने के लिए एक भी शिक्षक नहीं था। ऐसे में कार्यवाहक प्रधानाचार्य व एसडीएमसी की ओर  से विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षक उपलब्ध कराने की अपील की गई। इस पर गांव की स्नातक शिक्षा प्राप्त कर रही दो बेटियों ने हामी भरी और वह भी निशुल्क। गांव की दिव्या पुत्री जितेन्द्रकुमार पुरोहित और विन्रमता कुमारी पुत्री दयालाल दवे ने अक्टूबर महीने से स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और शैक्षणिक सत्र 2016-17 की समाप्ति तक पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को शिक्षा दी।

जन सहयोग से बदली तस्वीर

गुलाबगंज स्कूल को ग्रामीणों व भामाशाहों का जनसहयोग भी ऐसा मिला कि स्कूल की तस्वीर ही बदल गई। स्कूल के मु?य द्वार पर गड्ढे थे। समतल नहीं होने के कारण विद्यार्थियों व शिक्षकों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। इस समस्या को ग्रामीणों से देखा नहीं गया और एकजुट होकर साढ़े छह सौ टोली मिट्टी डलवाई। इसके बाद स्कूल में समतीलीकरण का कार्य किया गया। यहीं नहीं बारिश में छत से पानी टपकता था। इसमें भी भामाशाह ने सहयोग किया। 50 हजार रुपए से बरामदे की मर?मत करवाकर विद्यार्थियों को राहत पहुंचाई।

क्रमोन्नत हो गया पर शिक्षक नहीं मिले

रेवदर ब्लॉक में हमेशा शिक्षकों की कमी ही रही है। गुलाबगंज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी यहीं समस्या है। जबकि यह स्कूल हाईवे पर आया हुआ है। इस स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए तो एक भी शिक्षक नहीं है। स्कूल क्रमोन्नत होने के बावजूद भी प्रधानाचार्य समेत 13 पद रिक्त हैं। वर्तमान में हिन्दी व्या?याता महेश शर्मा, इतिहास के व्या?याता शैतानसिंह देवड़ा समेत दो वरिष्ठ अध्यापक एवं एक शारीरिक शिक्षक कार्यरत हैं।स्कूल उपलब्धि पर एक नजर

पहली से बारहवीं कक्षा नामांकन 291 हैं दसवीं बोर्ड का परिणाम 80 प्रतिशत से ऊपर।

दसवीं कक्षा के दो विद्यार्थियों का लेपटॉप के लिए चयन। फर्नीचर ग्रामीणों ने स्कूल को भेंट किया।

पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षक ही नहीं थे। स्वतंत्रता दिवस व एसडीएमसी बैठक में ग्रामीणों के सामने समस्या रखी तो गांव की दो बालिकाएं पढ़ाने के लिए आगे आईं। नतीजा सबके सामने हैं।

महेश शर्मा, कार्यवाहक, प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुलाबगंज

Bureau Report

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*