उदयपुर: गुजरात पाटीदार आंदोलन के संयोजक एवं पटेल नव निर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल को उदयपुर में प्रशासन ने किसान सभा की स्वीकृति नहीं दी। पटेल सोमवार शाम को उदयपुर में डबोक के नामरी गांव में स्नेह भोज के बहाने एकत्रित होने वाले किसानों को बिना माइक संबोधित करेंगे। समर्थकों व किसानों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बल लगाया है। नामरी में पूरे परिसर की पुलिस घेराबंदी रहेगी। इधर, मध्यप्रदेश सरकार ने हार्दिक को रोकने के लिए राजस्थान-मध्यप्रदेश बॉर्डर को सील करते हुए सेना की टुकडि़यां तैनात कर दी है। पटेल चोरी-छिपे बॉर्डर पार कर सकते हैं।
पटेल नवनिर्माण सेना के जिलाध्यक्ष गेहरीलाल डांगी ने बताया कि हार्दिक 12 जून को शाम पांच बजे उदयपुर पहुंचकर डबोक के नामरी में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पदाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन को इसके बारे में लिखित सूचना देते हुए स्वीकृति मांगी, जिसे प्रशासन ने नामंजूर कर दिया। नामरी में हार्दिक चामुंडा मंदिर में किसानों को मिलेंगे और बगैर माइक के उन्हें संबोधित करेंगे। इस दौरान वहां पर स्नेहभोज की व्यवस्था की गई। बताया जा रहा है कि स्नेहभोज के बहाने वहां पर गिर्वा, मावली, वल्लभनगर, उपला गिर्वा, सलूम्बर, सराड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ के किसानों के अलावा अजमेर व मालपुरा के गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों के भी पहुंचने की संभावना है। पदाधिकारियों का कहना है कि हार्दिक किसानों की पीड़ा को सुनकर केन्द्र सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाएंगे।
चारों तरफ घेराबंदी, रहेगी नजर
हार्दिक के उदयपुर पहुंचने के कार्यक्रम के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने घेराबंदी की तैयारी कर ली है। हार्दिक की सुरक्षा के बहाने उसके आसपास भारी पुलिस बल रहेगा। सभा के दौरान पुलिस के साथ गुप्तचर विभाग की टीमें भी हार्दिक पर नजर रखते हुए पल-पल की खबर केन्द्र व राज्य सरकार को भिजवाएगी। बताया जा रहा है कि हार्दिक पर गुजरात की पुलिस का भी साया रहेगा। 13 जून को हार्दिक के नीमच व मंदसौर के कार्यक्रम को मद्देनजर पुलिस प्रशासन सचेत है। हालांकि अभी वहां से उन्हें कोई स्वीकृति नहीं मिली है लेकिन एेसा माना जा रहा है हार्दिक चोरी छिपे बॉर्डर पार कर सकते हैं। अब देखना है कि मध्यप्रदेश सरकार हार्दिक को रोकती है या हार्दिक सब सुरक्षा को भेदते हुए वहां पहुंच जाएंगे। गौरतलब है कि मंदसौर व नीमच में किसानों पर गोलीबारी के बाद पूरे देश में आंदोलन तेज हो गया है। पिछले दिनों कांगे्रस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुए मगर उन्हें सीमा पर ही हिरासत में ले लिया गया था।
Bureau Report
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