इस कबड्डी स्टार ने इंटरनेट पर वीडियो देख कर सीखी थी कबड्डी, अब बने पुणे टीम के कबड्डी कप्तान

इस कबड्डी स्टार ने इंटरनेट पर वीडियो देख कर सीखी थी कबड्डी, अब बने पुणे टीम के कबड्डी कप्तानउदयपुर: हमारे गांव कटूरा में एक ही खेल है कबड्डी। सब युवा और बच्चे कबड्डी ही खेलते हैं। बचपन से कबड्डी देखने को मिली तो इससे लगाव हो गया। प्रो. कबड्डी शुरू हुई तो टीम में आना चाहता था। अपने से बडे़ युवाओं के साथ अभ्यास और व्यायाम करना शुरू कर दिया। फिर भी यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी तकनीक प्रशिक्षण जरूरी था। 

सीनियर प्लेयर क्या दांव लगाते हैं, इसके यू-ट्यूब से वीडियो डाउनलोड कर देखता था। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी परन्तु यह बाधक नहीं बनी। कड़ा अभ्यास और लगन रंग लाई टीम में मेरा चयन हो गया। यह बात प्रो. कबड्डी लीग के लिए बनी पुणे टीम के कप्तान संदीप नरवाल ने पत्रिका के साथ वार्ता में कही। नरवाल ने कहा कि कबड्डी देश की मिट्टी से जुड़ा खेल है। प्रो कबड्डी काफी हिट हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि कबड्डी दो साल बाद देश में क्रिकेट से ज्यादा हिट होगा।

शुरुआती 3-4 मैच जीतेगा, वही विजेता

28 जुलाई से प्रो कबड्डी शुरू हो रही है। कौन सी टीम जीतेगी इस सवाल पर नरवाल ने कहा कि अभी सिर्फ 4 टीमें बनी हैं। विजेता कौन रहेगा यह कहना मुश्किल है। शुरुआत में तीन-चार मैच जीतने वाली टीम निश्चित तौर पर विजेता बनेगी। हम अभी सिर्फ अभ्यास और फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं।

मध्यम वर्ग के लिए मिट्टी से जुडे़ खेल

नरवाल ने कहा कि मिट्टी से जुडे़ खेलों में मध्यम वर्ग और ग्रामीण युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है। सुशील कुमार, साक्षी मलिक, योगेश्वर दत्त, बजरंग सभी मध्यम वर्गीय परिवारों से हैं। क्रिकेट, टेनिस आदि खेलों के प्रति शहरी युवाओं का रुझान अधिक रहता है। ग्रामीण युवा कुश्ती कबड्डी में सुनहरा भविष्य बना सकते हैं।

कुश्ती और कबड्डी हमारे अपने खेल 

कबड्डी में भविष्य तलाश रहे युवाओं के बारे में उन्होंने कहा कि अपने खेल को निखारें, सबसे बेहतर और उम्दा बनाएं। अच्छा खेल एक दिन आपको पहचान अवश्य दिलाएगा। लगातार अभ्यास करें सीनियर खिलाडि़यों से सीखें। इंटरनेट पर कबड्डी की वीडियो देखें। राजस्थान के कबड्डी खिलाडि़यों के बारे में नरवाल ने कहा कि राजस्थान में कबड्डी के बेहतरीन प्लेयर हैं। राजस्थान के युवा बहुत अच्छा खेलते हैं। कुश्ती और कबड्डी हमारे अपने खेल हैं, गांवों में इनका प्रशिक्षण पीढ़ी दर पीढ़ी मिलता आ रहा है।

Bureau Report

 

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