Congress: कांग्रेस क्यों लगा रही गौरव गोगोई पर बड़ा दांव? पूर्वोत्तर से लेकर समूचे देश के लिए बनाई बड़ी योजना

Congress: कांग्रेस क्यों लगा रही गौरव गोगोई पर बड़ा दांव? पूर्वोत्तर से लेकर समूचे देश के लिए बनाई बड़ी योजना

राहुल गांधी के करीबी लोगों में शामिल पूर्वोत्तर के  युवा चेहरे और सांसद गौरव गोगोई पर अब कांग्रेस बड़ा दांव लगाने जा रही है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं के मुताबिक पार्टी अब नए चेहरों की फेहरिस्त में न सिर्फ गौरव गोगोई को आगे करेगी बल्कि पार्टी के कुछ अन्य चुनिंदा युवा नेताओं पीको भी आगे करके 2024 में सियासत का नया दांव लगाने जा रही है।

राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि इस मानसून सत्र में जिस तरीके से गौरव गोगोई कांग्रेस के बड़े चेहरे बनकर सामने उभरे हैं उससे न सिर्फ पार्टी खुद को नॉर्थ ईस्ट में मजबूती से खड़ा देख रही है बल्कि उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्वोत्तर से  लेकर पश्चिम तक में युवाओं की ऐसी ही नई पीढ़ी के साथ लोकसभा चुनावों में अपनी सियासी चौसर बिछाने की पूरी योजना बना चुकी है। 

कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस तीन स्तर पर अपनी सियासी रणनीति को आगे बढ़ा रही है। पहले चरण में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के माध्यम से समूचे देश में पार्टी सियासी माहौल को मजबूत करने वाली है। दूसरे स्तर पर पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे और राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन-जन तक लोगों से मिलने की योजना बना चुकी है।

कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि मानसून सत्र के दौरान ही विपक्षी दलों के नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी की भी एक अहम बैठक शुक्रवार की रात को हुई। हालांकि इस बैठक का मुद्दा कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप को लेकर नहीं था लेकिन बैठक में इस बात को लेकर कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने चर्चा जरूर शुरू की कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कैसे नए चेहरे को भी आगे रखा जाए। इसमें जो नाम प्रमुखता से सामने आए उसमें गौरव गोगोई शामिल थे। 

राजनीतिक विश्लेषक रविंद्र पुंडीर कहते हैं कि गौरव गोगोई को आगे करके कांग्रेस नॉर्थ ईस्ट में अपनी स्थिति को बहुत ज्यादा मजबूत करना चाहती है। उनका कहना है कि बीते कुछ समय में जिस तरीके से कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए उसे नॉर्थ ईस्ट में कांग्रेस निश्चित तौर पर कमजोर हुई है। यही वजह है कि नॉर्थ ईस्ट के बड़े चेहरे गौरव गोगोई पर पार्टी दांव लगाकर नॉर्थ ईस्ट में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाह रही है। उनका कहना है कि गौरव गोगोई पर कांग्रेस बड़ा दांव लगाकर न सिर्फ कांग्रेस से भाजपा में गए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शरमा के प्रभुत्व को कम करना चाह रही है बल्कि कांग्रेस को बड़े स्थानीय चेहरे के साथ स्थापित भी करना चाह रही है।

कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि सिर्फ गौरव गोगोई ही नहीं, बल्कि पार्टी के अलग-अलग राज्यों के युवा चेहरे को भी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिहाज से आगे करेगी। महाराष्ट्र के कुछ युवा नेताओं समेत दक्षिण भारत में कर्नाटक तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ चेहरे भी शामिल है। नेताओं का कहना है कि कांग्रेस युवाओं के साथ साथ अपने संगठनात्मक व्यवस्था और राहुल प्रियंका गांधी के चेहरों पर भी चुनाव में बड़ी रणनीति बना रही है। मानसून सत्र शुरू होने से पहले आयोजित ही कांग्रेस की एक बड़ी बैठक में राहुल गांधी की दूसरी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी मंथन हुआ था। 

उनकी पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अभी राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर फिलहाल दूसरी भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने के आधिकारिक तौर पर कोई सहमति राहुल गांधी की ओर से नहीं मिली है। लेकिन जिस तरह राहुल गांधी अलग-अलग तरह से लोगों से मिल रहे हैं वह भी भारत जोड़ो यात्रा का ही है बढ़ा हुआ स्वरूप ही है।

पार्टी से जुड़े नेताओं और रणनीतिकारों के मुताबिक, राहुल गांधी अपनी इस तरीके की यात्रा को भी देश के अलग-अलग हिस्सों में जल्द ही और विस्तार से आगे बढ़ाने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी जल्द ही प्रियंका गांधी को देश के अलग-अलग राज्यों में चुनावी रैलियां समेत जनसंपर्क अभियान के माध्यम से आगे करने वाली है।

मानसून सत्र से पहले आयोजित हुई एक बैठक में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रियंका गांधी ने जिस तरीके से हिमाचल और कर्नाटक में जनता से जुड़कर सीधे सियासत की हवा बदली है उसी का फायदा उठाने के लिए पार्टी अब देश के अलग-अलग राज्यों में प्रियंका गांधी को ऐसे ही रैलियों और जनसंपर्क अभियान के माध्यम से लोगों से जोड़ने की योजना बना चुकी है। फिलहाल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अब जिन राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं वहां और जिन राज्यों में चुनाव नहीं होने हैं वहां पर भी प्रमुखता के साथ अगले कुछ महीनों में सियासी मैदान में उतारा जाएगा। ताकि लोकसभा के चुनाव से पहले कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बना सके।

Bureau Report

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