गुरुग्राम: नौ माह की बच्ची की मौत के बाद गैंगरेप पीडि़ता उसे गुरुग्राम के निजी अस्पताल में गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे दूसरी जगह जाने को कहा। पीडि़ता के मुताबिक इसके बाद वह बच्ची के शव को लेकर दिल्ली मेट्रो से गुरुग्राम से दिल्ली गई थी। इसके बाद गुरुग्राम में परिजनों को उसने पूरी बात बताई। पुलिस का कहना है कि पीडि़ता ने बच्ची को लेकर दिल्ली जाने की बात कही है। पुलिस बात का सत्यापन करने का प्रयास करेगी। इससे यह पता किया जा सके कि दिल्ली में कहां और किसके पास गई थी।
गैंगरेप पीडि़ता को अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि उसकी बेटी मर चुकी है, लेकिन मां का बेबस दिल इस बात को मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद वह अपनी बच्ची के मृत शरीर को हाथ में लिए मेट्रो से दिल्ली के अस्पताल तक गई। महिला मेट्रो से दोबारा गुरुग्राम पहुंची, जहां उसका पति और पुलिस उसे मेट्रो स्टेशन पर लेने पहुंचे।
गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार ने स्वीकार किया की महिला दुष्कर्म के बाद अपनी बच्ची की लाश हाथ में लिए मेट्रो से वापस गुरुग्राम आई थी। एमजी रोड मेट्रो स्टेशन पर पीडि़ता को लेने पहुंची पति के साथ पहुंची पुलिस बच्ची को पोस्टमॉर्टम के लिए ले कर गई। पूछताछ के बाद तीन स्केच सामने आये है, पुलिस ने जनता से अनुरोध किया है कि उनसे जुडी कोई भी जानकारी हो तो तुरंत सूचित करें।
सोमवार को पति से लड़ाई के बाद घर छोड़कर अपनी बच्ची के साथ जाने का परिणाम ऐसा होगा यह पीडि़ता ने नहीं सोचा था। पूछताछ में सामने आया है की पहले महिला एक ट्रक में जा रही थी। ट्रक ड्राइवर द्वारा छेदछाड़ के बाद उसने ट्रक से उतर कर ऑटो लिया। ऑटो में पहले से सवार तीन लोगों ने उस पर हमला करने का प्रयास किया, जिसके कारण उसकी बच्ची रोने लगा। इसके बाद उन्होंने पीडि़ता के हाथ से बच्ची को छीन चलते ऑटो से सड़क पर फ़ेंक दिया और कई बारी-बारी से कई घंटे तक हवस का शिकार बनाया।
मामले में पुलिस ने करीब 50 ऑटो चालकों से पूछताछ की, लेकिन अभी तक दरिंदों से जुडी कोई भी जानकारी सामने नहीं आई हैं।
Bureau Report
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